पलवल | वर्तमान स्थिति को समझते हुए कहा जा रहा है कि पंचायत रिकॉर्ड जमा नहीं करवाने वाले सरपंचों के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज की जा सकती है. कहा जा रहा है कि जिले में कुल 20 से अधिक सरपंचों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए पंचायत विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. साथ ही साथ में रिकॉर्ड जमा कराने के लिए कुल 47 पंचायतों को नोटिस भी जारी कर दिया गया है.

जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी से हुई बातचीत का अंश

ऐसे में कहा जा रहा है कि रिकॉर्ड जमा न करवाने वाली पंचायतों के रिकॉर्ड में हेराफेरी हो सकती है. जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी शमशेर सिंह नेहरा ने संवाददाताओं से खास बातचीत करते समय बताया है कि रिकॉर्ड जमा नहीं करवाने वाले सरपंचों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए जिला डिप्टी कमिश्नर से मंजूरी ले ली गई है.

पंचायतों ने अब तक नहीं करवाया रिकॉर्ड जमा

बता दें कि जिले में कुल 260 ग्राम पंचायतें हैं. इनमें हसनपुर ग्राम पंचायत का चुनाव बीच होने की वजह से 259 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो गया है.ऐसे में समय के समाप्त होने की वजह से खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को प्रशासक नियुक्त कर दिया है. दरअसल, हम आपको खास तौर पर बता दें कि 23 फरवरी तक सभी पंचायतों को रिकॉर्ड जमा कराने के लिए नोटिस जारी किया गया था किन्तु, अभी तक कुल 47 ग्राम पंचायतों ने अपना रिकॉर्ड जमा नहीं करवाया है.

जाने, कौन सी 47 ग्राम पंचायतों ने नहीं करवाया रिकॉर्ड जमा

यहां पर हम आपको विशेष रूप से जानकारी दे दें कि ब्लॉक पृथला और बडौली में एक-एक, पलवल में 3, हसनपुर में 2, होडल में 5 और हथीन में 35 ग्राम पंचायतों ने रिकॉर्ड जमा नहीं करवाया है ऐसे में कहा जा सकता है कि जिन 47 ग्राम पंचायतों ने रिकॉर्ड जमा नहीं करवाया है, उनमें जरुर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई है. साथ ही साथ में बताया जा रहा है कि पंचायतों में लगभग 50 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है.

सरकारी आदेशों की अवहेलना करने पर दर्ज हो सकता है मामला

जिला विकास एवं पंचायत की ओर से अब अगले 3 दिन के अंदर अंदर रिकॉर्ड जमा कराने के नोटिस जारी कर दिया गया है. कहा जा रहा है कि अगले सप्ताह तक रिकॉर्ड नहीं जमा करवाने वाली पंचायतों के खिलाफ अमानत में खयानत और सरकारी आदेशों की पालना न करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया जा सकता हैं

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