कार, बाइक, स्कूटी से विकास की नई तकनीक-निर्माण कार्य !

लो जी अब क्या कहें कि नमो और मनो है तो मुमकिन भी है  .

अपने हरियाणा में नहीं है जुगाड़ के जुगाड़ का कोई भी तोड़

जीरो टोलरेंस, भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन, पारदर्शिता के दावे

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
  पटौदी विधानसभा क्षेत्र में अभी लोग उस अनोखे विकास कार्यों के घोटाले को भी नहीं भूले थे, जिसमें मोटरसाइकिल से रोड बनाने से लेकर मिट्टी लेवल व अन्य विकास कार्य का घोटाला उजागर हुआ। इसके बाद जब शिकायत की गई तो एक लंबी प्रक्रिया के बाद में पटौदी थाने में ही मुकदमा भी दर्ज किया गया । यह अनोखा घोटाला पटौदी खंड एवं पंचायत विभाग के द्वारा करवाए गए विभिन्न विकास कार्यों की आरटीआई से मांगी गई सूचना में उजागर हुआ था । जिसमें की जेसीबी ,रोड रोलर के स्थान पर एक बाइक से ही विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों को अंजाम दिया गया ।

अब इसी कड़ी में क्या कहें कि …, नमो हैं – मनो है तो कुछ भी मुमकिन है ! पटौदी जैसा ही घोटाला बीडीपीओ फरुखनगर कार्यालय के अधीन कराए गए विभिन्न गांवों के विकास कार्यों के मामले में सामने आया है । हैरानी की बात यह है कि जेसीबी ,ट्रैक्टर ट्राली ,पानी के टैंकर ,रोड रोलर, सैनिटाइजिंग मशीन जिनको की पंचायत के रिकॉर्ड में दर्ज किया गया । वास्तव में इन वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर कार, बाइक, स्कूटी, के सामने आए हैं । इससे फिर सवाल खड़ा होना स्वभाविक बात है कि सुबे की बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार और सरकार के मुखिया सीएम खट्टर जीरो टोलरेंस, भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन और पारदर्शी विकास के दावे तो कर रहे हैं । लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती दिखाई दे रही है।

फर्रुखनगर खंड के गांव डूमा हरीनगर में भी सरपंच के द्वारा सम्बधित अधिकारियों की मिलीभगत से मोटे घोटाले को अंजाम देने की बात जांच बीडीपीओं कार्यालय द्वारा जिला उपायुक्त को सौंपी रिर्पोट में सामने आई है। हैरत की बात तो यह है कि सरपंच उदय सिंह द्वारा गांव में कराये गए विकास कार्यों में प्रयोग किए गए वाहनों जैसे कि जेसीबी, ट्रैक्टर ट्राली, पानी के टैंकर, रोड रोलर , सेनेटाईजिंग मसीन के पंचायत रिकार्ड में जो नम्बर दर्शाय है गए है, वह वास्तव में  कार, मोटर साइकिल, स्कूटी के नम्बर के नम्बर है। इसके अतिरिक्त जांच में यह भी बात सामने आई है कि कुछ कार्यों में बिना निर्माण सामग्री के श्रमिक निर्माण कार्य में लगा दिए गए। जिससे साफ झलकता है कि बीजेपी सरकार में कितनी पारदिर्शता बरती जा रही है। यह मामला मुख्यमंत्री व उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी लगाया गया है। जिला उपायुक्त की जांच के बाद सरपंच व मामले में शामिल अधिकारियों पर गाज गिरनी लगभग निश्चित सी हो गई है।

खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अंकित चैहान द्वारा जिला उपायुक्त को भेजी अपनी रिर्पोट में बताया कि प्रताप सिंह पुत्र रघुबीर सिंह निवासी हरीनगर डूमा द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर ग्राम पंचायत हरीनगर डूमा के रिकार्ड की जांच एवं अवलोकन किया गया। जिसमें अनिमियता व गबन पाया गया है। सफाई के कार्य व अन्य विकास कार्य ग्राम पंचायत द्वारा पंचायत फंड खर्च में दर्शाए गए जबकि इन सफाई कार्यो व अन्य विकास कार्यों के करने से पहले सम्बधित प्रस्ताव कार्यवाही पुस्तीका में पास नहीं किए गए है। जोकि हरियाणा पंचायती राज बजट, वित्तलेखा, कर व सकर्स नियम 1966 के नियम नंबर 11 के 1 के विरुद्ध है। इसके  अतिरिक्त सरकार की हिदायतों अनुसार सफाई कार्यो के कराने से पहले फोटो व बाद में फोटो ग्राफी नहीं कराई गई, इसी प्रकार जो कार्य जेसीबी मशीन द्वारा कराए गए है , उनमें भी फोंटो ग्राफी नहीं कराई गई।  उन्होंने बताया कि इस प्रकार के 70 से अधिक मामलों में अनिमियता और गबन जांच में सामने आए है। मामले में शामिल सरपंच व अन्य कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासानात्मक कार्यवाही की जाने की जिला उपायुक्त से सिफारिस की गई है।

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