निजी स्कूलों द्वारा बच्चों के पोर्टल किए जा रहे बंद, जिला प्रशासन नही कर रह कार्रवाई

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशों की निजी स्कूल जमकर अवहेलना कर रहे है। इसी मनमानी से तंग आकर मंगलवार को अभिभावकों ने गुडग़ांव सिटीजंस काउंसिल के  नेतृत्व में डीसी कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण धरना दिया और जमकर नारे लगाए। निजी स्कूल जबरन अभिभावकों से फीस मांग रहा है और नहीं देने पर पोर्टल ब्लाक कर रहा है।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जीसीसी के प्रधान आरएस राठी ने कहा कि प्रशासन निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ कार्रवाई क्यों  नहीं कर रहा? ऐसी क्या मजबूरी है जो उनकी मनमानी के आगे शिक्षा अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हुए है। निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान है। जिला प्रशासन को ऐसे स्कूलों की कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अभिभावकों से ज्ञापन लेने के लिए पहुंचे सिटी मजिस्टे्रट ने अभिभावकों को उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।प्रदर्शन में मौजूद रही मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल की अभिभावक संध्या ने कहा कि स्कूल प्रबंधन की तरफ से मेरे बच्चों के पोर्टल 4लाक कर दिया है जिसकी वजह से बच्चों को पढ़ाई सामग्री नहीं मिल पा रही है और उनकी परिक्षाएं नजदीक है।

कुंसकैप्सकोलन इंटरनेशनल के अभिभावक सोनिया का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने पहले पोर्टल फीस और टयूशन फीस जमा कराने को कहा, उसके बावजूद भी पोर्टल नहीं खोल रहे है। जिसकी वजह से बच्चें की पढ़ाई बधित हो रही है और परीक्षाएं भी नजदीक है। बार-बार स्कूल प्रबंधन को संपर्क कर रहे है लेकिन पूरी फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।

डीएलएफ फेज-१ स्थित कुंसकैप्सकोलन के अभिभावक धु्रव कुमार ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट ने 24 घंटे के भीतर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। यदि इस बार कार्रवाई नहीं हुई तो इस बार अभिभावक लघु सचिवालय के बाहर टैंट लगाकर भूख-हड़ताल पर बैठेंगे।

प्रदर्शन के दौरान डीएलएफ स्थित कुंसकैप्सकोलन, लोटस वैली इंटरनेशनल, ग्रीन फील्ड प4िलक, मानव रचना इंटरनेशनल, मौर्या, डीपीएस इंटरनेशनल, पाथवेज स्कूल के २५० से अधिक अभिभावक मौजूद रहे।

उच्च न्यायालय के आदेशों की उड़ रही धज्जियां

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक याचिका में सुनवाई के दौरान कोविड-19के चलते निजी स्कूलों के अभिभावकों से केवल टयूशन फीस लेने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में जिले के शिक्षा अधिकारियों की तरफ से उच्च न्यायालय के आदेशों को लागू करने के संबंध में सभी निजी स्कूलों को हिदायतें जारी की और विशेष तौर पर किसी भी बच्चें का पोर्टल ब्लाक न करने के सख्त आदेश थे। लेकिन इसके बावजूद निजी स्कूल अपनी मनमानी चला रहे है।  

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