रमेश गोयत चंडीगढ़। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने पीजीटी संस्कृत के बाद टीजीटी अंग्रेजी के 1035 पदों की भर्ती प्रक्रिया की रद्द करने की घोर निन्दा की है। सकसं ने सरकार के इस निर्णय को बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक बताते हुए 26 फरवरी को जिला मुख्यालयों पर होने वाले प्रदर्शनों में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का ऐलान किया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने मंगलवार को यहां बताया कि भाजपा सरकार के निर्देश पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 23 जुलाई को विज्ञापन संख्या 9/15 के तहत 1035 टीजीटी अंग्रेजी पदों की भर्ती करने का विज्ञापन जारी किया था। बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं व युवतियों ने आवेदन किया। 1035 पोस्टों में 341 पर मेवात कोटे के लिए आरक्षित किए गए थे। लिखित परीक्षा पास करने के उपरांत नव चयनित टीजीटी अंग्रेजी ज्वाइनिंग की बाट जोह रहे थे। अचानक 22 फरवरी को सरकार के निर्देश पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ’वाइनिंग करवाने की बजाय भर्ती प्रक्रिया को ही रद्द करने के फरमान जारी कर दिए। यह बेरोजगारों व नव चयनित अभ्यर्थियों के साथ थोखा एवं भद्दा मजाक है। प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि इससे पहले भी सरकार के निर्देश पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग 28 जून,2015 को विज्ञापित 626 पीजीटी संस्कृत के पदों की भर्ती को 10 फरवरी को रद्द कर चुका है। इस प्रकार 12 दिनों के अंदर सरकार 1661 नव चयनित टीजीटी अंग्रेजी व पीजीटी संस्कृत के भविष्य को बर्बाद करने का काम कर चुकी हैं। इसके लिए सरकार कांग्रेस को भी जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती, क्योंकि भर्ती प्रक्रिया शुरू और रद्द करने का काम भाजपा सरकार में ही हुआ है। Post navigation हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी की मीटिंग प्रदेश में खेल सुविधाओं और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन में कोई कसर नहीं रहेगी – उपमुख्यमंत्री