वर्ष 2000 में हुई 3,206 पदों पर शिक्षक भर्ती के मामले में विशेष सीबीआइ अदालत ने 2013 में ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 53 लोगों के खिलाफ सजा सुनाई थी.

चंडीगढ़. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिली है. हाईकोर्ट ने चौटाला की पैरोल 9 मार्च तक बढ़ा दी है. दें कि JBT टीचर भर्ती घोटाला मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने रिहाई के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने रिहाई की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने पिछली सुनवाई में याचिका को दो सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया था. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल एवं न्यायमूर्ति अनूप जयराम भमभानी की खंडपीठ के समक्ष चौटाला की ओर से पेश वकील अमित साहनी ने कहा कि नोटिफेशन एवं हाईकोर्ट से आदेश पारित होने के बावजूद उनके मुवक्किल की रिहाई संभव नहीं हो सकी है. इसके बाद खंडपीठ ने राज्‍य सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि इस संदर्भ में कार्रवाई क्‍यों नहीं की गई. इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि इसको लेकर पहले ही पत्र जारी किया जा चुका है. इसके बाद खंडपीठ ने चौटाला की पैरोल 9 मार्च तक बढ़ाते हुए राज्‍य सरकार से इस बाबत जारी आदेश से अवगत कराने के लिए मामले की अगली सुनवाई 8 मार्च के लिए तय कर दी.

याचिका में कही ये बात

हाईकोर्ट में वकील अमित साहनी ने दायर याचिका में कहा है कि उनकी रिहाई के संबंध में हाई कोर्ट ने नवंबर 2019 व फरवरी 2020 में दिल्ली सरकार को उचित फैसला लेना का निर्देश दिया था. हालांकि, अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है. ओम प्रकाश चौटाला ने अपनी उम्र और दिव्यांगता के आधार पर जेल से रिहाई की मांग की गई है.

7 साल की सजा काट चुके हैं पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला

याचिका में चौटाला ने केंद्र सरकार की 18 जुलाई, 2018 की अधिसूचना का हवाला दिया गया है. अधिसूचना के तहत 60 वर्ष की उम्र पार कर चुके पुरुष, 70 फीसद दिव्यांग व बच्चे अगर आधी सजा काट चुके हैं, तो राज्य सरकार रिहाई पर विचार कर सकती है. याचिका में चौटाला ने कहा था कि उनकी उम्र 86 वर्ष है और भ्रष्टाचार के मामले में वे सात साल की सजा काट चुके हैं. चौटाला ने यह भी दावा किया था कि वह अप्रैल 2013 में 60 फीसदी दिव्यांग हो चुके थे और जून 2013 में पेसमेकर लगाए जाने के बाद से वे 70 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग हो चुके हैं. इस तरह से वे केंद्र सरकार के जल्दी रिहाई की सभी शर्तो को पूरा कर रहे हैं.

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