चंडीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा की पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने की स्थिति में उन्हें प्रशासकों के हवाले करने के सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।

हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने इस बाबत दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि पंचायत का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनको आगे लगातार काम करते देने का उनका कोई कानूनी अधिकार नहीं है। ऐसे में इस याचिका का कोई आधार नहीं है।

इस मामले में सरपंच एसोसिएशन के प्रधान सोमेश कुमार द्वारा दायर याचिका में कहा गया हरियाणा की पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी को पूरा हो रहा है। सरकार ने एक आदेश जारी कर पंचायतों का कार्यकाल पूरा होते ही सभी बीडीपीओ को पंचायतों में प्रशासक लगाने का आदेश जारी कर दिया व सभी सरपंचों को पंचायत का रिकार्ड उनको सौंपने का आदेश जारी कर दिया।

याचिका के अनुसार बीडीपीओ, एसडीएम और जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों पर पहले ही काम का बहुत ज्यादा बोझ रहता है। ऐसे में चुनाव होने तक पंचायतों का काम ठप हो जाएगा। मौजूदा पंचायत प्रतिनिधियों को ही कार्यकारी प्रधान के नाते जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए ताकि पंचायतों के कामकाज प्रभावित न हों।

झारखंड का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया था कि वहां की सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव संपन्न होने तक या अधिकतम छह माह तक सभी पंचायत प्रतिनिधियों को कार्यकारी समितियों के माध्यम से काम चलाने के निर्देश दिए हैं। इसी तर्ज पर प्रदेश सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।

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