36 बिरादरी की हमारी एकता, अनुसाशन और संयम ही किसान आंदोलन के सबसे बड़े हथियार – बलराज कुंडू

दीनबन्धु चौधरी छोटूराम जयंती समारोह में सांपला पहुंचे महम विधायक बलराज कुंडू।
किसान नेता राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम चढूनी एवं जोगेंदर सिंह उग्राह आदि के साथ बलराज कुंडू ने किया किसानों को सम्बोधित।
हमें अपने और पराए की पहचान करके सावधानी पूर्वक आंदोलन को आगे बढ़ाना होगा क्योंकि सरकार हर हथकंडा अपना रही है।

सांपला / रोहतक, 16 फरवरी : दीनबन्धु चौधरी छोटूराम जयंती समारोह में सांपला पहुंचे महम विधायक बलराज कुंडू ने किसान नेता राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी और जोगेन्दर सिंह उग्राह आदि के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पूरी मजबूती के साथ किसान आंदोलन को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कुंडू ने कहा कि किसानों को संगठित एवं अनुसाशन में रहकर संयम के साथ आंदोलन को मजबूत रखना है ताकि सरकार को किसानों की मांगें मानने पर मजबूर कर सकें। पूरी 36 बिरादरी किसान कौम के साथ खड़ी है और संयुक्त किसान मोर्चे के हमारे किसान नेताओं के दिशा निर्देशन में आंदोलन आगे बढ़ रहा है। किसान किसी सत्ता या कुर्सी के लिए नहीं बल्कि अपने पेट और बच्चों के भविष्य के लिये लड़ रहा है। भले ही संघर्ष लम्बा हो रहा है लेकिन अंत में जीत अन्नदाता की ही होगी। हमें इसी तरह एकजुटता से मजबूत रहना है और अपने-पराए की पहचान कर सावधानी से आंदोलन को आगे लेकर चलना है क्योंकि सरकार हर हथकंडा अपनाने के प्रयास कर रही है। हमारी एकता, अनुसाशन और संयम ही किसान आंदोलन का सबसे बड़ा हथियार है।

मंच से किसानों को सम्बोधित करते हुए महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि ये तीनों काले कानून इतने खतरनाक हैं कि अगर ये वापस नहीं लिए गए तो आने वाले वक्त में आम गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार का महंगाई से जीना ही दूभर हो जाएगा। किसान से पहले उन लोगों को इनके दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे जो खुद खेतीबाड़ी नहीं करते और पेट भरने के लिए पूरी तरह बाजार पर आधारित रहते हैं। ऐसे लोगों को आने वाले समय में इतनी महंगाई का सामना करना पड़ेगा कि गरीब आदमी के लिए आपना और अपने बच्चों का पेट भरना तक बेहद मुश्किल हो जाएगा।

कुंडू ने कहा कि आज करीब 3 महीने होने को हैं जब देश-दुनियां का पेट भरने वाला हमारा अन्नदाता अपनी आवाज सुनाने के लिए दिल्ली के चारों तरफ बॉर्डर पर बैठा तपस्या करने को मजबूर है लेकिन सत्ता में बैठे लोगों के कान और आंखें बिलकुल बन्द हो चुके हैं। कितने दुःख की बात है कि हमारे सैंकड़ों किसान भाई शहादत को प्राप्त हो चुके हैं लेकिन सत्ता में बैठे लोग उनकी शहादतों का भी मजाक बनाते हैं। हमें पूरी मजबूती के साथ एकजुटता में और अनुसाशन के साथ इस आन्दोलन को आगे लेकर जाना पड़ेगा क्योंकि इसे तोड़ने के लिए बड़ी गहरी साजिशें रची जा रही हैं। हमें सावधान और चौकन्ना रहना पड़ेगा। समारोह में बलराज कुंडू ने रहबर ए आजम दीनबन्धु चौधरी छोटूराम के नाम के जयकारे लगवाते हुए उनकी अपने और पराए को पहचानने की सीख भी याद दिलवाई।

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