पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर से मिला प्राइवेट स्कूलो का प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधिमंडल बंटी शर्मा सुनारिया रोहतक – 2003 से पहले के अस्थाई स्कूलों को एकमुश्त स्थाई मान्यता की मांग को लेकर प्राइवेट स्कूलो का एक प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने वन स्टेट वन यूनियन संस्थापक सुमित चावला की अध्यक्षता में में पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर के कार्यालय पर विशेष मीटिंग की। जिसमें प्रदेश कार्यकारिणी के विभिन्न जिलों से आए हुए अलग-अलग यूनियंन के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखें व 2003 से पहले के स्कूलों की एकमुश्त स्थाई मान्यता से संबंधित आवश्यक दस्तावेज मनीष ग्रोवर जी के समक्ष रखें। पूर्व मंत्री ने सभी दस्तावेजों का अवलोकन किया व प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वह 2003 से पहले के अस्थाई स्कूलों की पुरजोर मांग संबंधित शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्री, व मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे उन्होंने यह भी जानना चाहा कि वर्तमान स्थिति में 2003 से पहले के ऐसे कितने विद्यालय हैं जिन्हें अभी तक स्थाई मान्यता प्राप्त नहीं हुई है प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए सुमित चावला ने जल्द ही 2003 से पहले के अस्थाई स्कूलों की सूची पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर जी को उपलब्ध करवाने के लिए कहा ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके की 2003 से पहले के अस्थाई स्कूलों की एकमुश्त स्थाई मान्यता के लिए कितने विद्यालयों से आवेदन करवाना है। गौरतलब है की हरियाणा के प्राइवेट स्कूल काफी समय से एक मुश्त स्थाई मान्यता की मांग कर रहे हैं ये ऐसे प्राइवेट स्कूल हैं जो पिछले 40 सालो से चल रहे हैं जब मान्यता लेने के लिए कोई शिक्षा नियमावली नही थी 2004 के बाद जब शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलने और मान्यता लेने के लिए नियम बनाये लेकिन ये स्कूल किसी कारणवश स्थाई मान्यता लेने से वंचित रह गए और विभाग ने इन्हें अस्थाई मान्यता की श्रेणी में डाल दिया और अब इन अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो को हर साल सरकार के सामने कशमकश होना पड़ता हैं इस अवसर पर सिरसा से हरि सिंह अरोड़ा यितेंद्र सिंह, नरेश कुमार, यमुनानगर से कौशल श्रीवास्तव, झज्जर से अशोक सहरावत, कृष्ण कुमार, पलवल से भूदेव भारद्वाज, मेवात से पंकज शर्मा, उदय शास्त्री, रिजवान खान, चरखी दादरी से जयपाल, रोहतक से सतीश्वर दत्त, बंटी सुनारिया, संजीव भारद्वाज, भारत चावला व अन्य अनेक साथी उपस्थित रहे। Post navigation गोल्ड मैडल जितने वाले खिलाड़ी का बलराज कुंडू ने किया जोरदार स्वागत 36 बिरादरी की हमारी एकता, अनुसाशन और संयम ही किसान आंदोलन के सबसे बड़े हथियार – बलराज कुंडू