समस्या समाधान टीम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख जवानों को पेंशन और शहीद का दर्जा देने की मांग
देश के हर एक जवान को मिले नेताओ की तर्ज पर पुरानी पेंशन का लाभ: ओंकार सैनी
सेना की तर्ज पर पैरा-मिल्ट्री के जवानों को भी मिले शहीद का र्द्जा,

चंडीगढ़। पुलवामा हमले में मारे गये जवानों को याद करते हुए समस्या समाधान टीम ने बोगनविला गार्डन में बने शहीदी स्मारक पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी और मौजूदा लोगों ने लगाये जय जवान, जय किसान के नारे लगाए। इस मौके पर समस्या समाधान टीम चंडीगढ़ के ओंकार सैनी और कँवर सिंह का कहना है की हमारी सेना और पैरा-मिल्ट्री के जवान देश की सरहदों पर, दुर्गम स्थानों पर, विकट परिस्थितयों में अपने घर परिवार से दूर हमारी और देश की रक्षा के लिए दिन रात लगे रहते है, इसलिए हमारी ड्यूटी बनती है की हम सभी देशवासी उनका और उनके परिवार का ख्याल रखे। अपनी जिंदगी के अहम् साल देश सेवा में समर्पित करने के बाद रिटायर होने पर उनके अच्छे गुजर-बसर और सुरक्षित बुढ़ापे के लिए सुरक्षित पेंशन का होना जरूरी है परन्तु नई पेंशन स्कीम से वैसा लाभ नही मिल रहा है और यह सुरक्षित विकल्प नही है। इसलिए मंत्री और विधायकों को मिलने वाली पुरानी पेंशन योजना, जो की सुरक्षित पेंशन विकल्प है का लाभ देश के जवानों को भी मिले इसके लिए हमने देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री से निवेदन स्वरूप पत्र लिखा है।

समस्या समाधान टीम के मनोज शुक्ला ने कहा कि हम सभी लोगों के घर में सुरक्षित बैठे होने का सारा श्रेय देश की सीमाओं पर तैनात हमारे सैनिकों को जाता है। सेना के जवानों के साथ साथ पैरा-मिल्ट्री के जवान भी देश की सीमओं पर हमारी रक्षा के लिए तैनात है और ये जवान देश के अंदरूनी इलाकों में भी देश के दुश्मन के खिलाफ मोर्चा सभाले हुऐ है और बहुत से सैनिकों ने देश सेवा में अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिये है। पैरा-मिल्ट्री के जवानों ने पुलवामा हमले में ही नही अपितु सुकमा, दंतेवाड़ा जैसे कितने ही हमलों में देश सेवा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किये है। देश के सभी लोग और नेता इन जवानों की मौत को अपने भाषणों में शहीद बताते है परन्तु असल में सरकारी रिकॉर्ड में ऐसा नही है।  देश सेवा में मरने वाले पैरा-मिल्ट्री के जवानों को सरकारी रिकॉर्ड में शहीद का दर्जा देना ही असली श्रदांजली होगी इसलिए हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर देश सेवा में प्राण न्यौछावर करने वाले पैरा-मिल्ट्री के जवानों को शहीद का दर्जा देने की मांग की है।

इस मौके पर एके सूद ने कहा कि देश की तरक्की में जवान और किसान दोनों की अहम भूमिका है, इसलिए हमारे देश के प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जय जवान, जय किसान के साथ जय विज्ञान का नारा दिया है। देश के जवानों के साथ साथ हमे देश के किसानों के लिए भी सोचना है और पिछले 3 महीने से देश के किसान दिल्ली की सरहदों पर शांतिमयी आन्दोलन कर रहे है और अब तक 206 किसान इस आन्दोलन में अपने प्राणों की आहुति दे चुके है इसलिए हम सरकार से प्रार्थना करते है की सरकार हठधर्म छोड़ कर किसानों की मांगो को मान ले यही प्रजातंत्र की जीत होगी। इस मौके पर श्रद्धांजलि देने वालों में टीम सदस्य बबलू वर्मा, रमेश ठाकुर, राज पांडेय, मुकेश मिश्रा, शक्ति श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे और शाम को किसानों के आग्रह पर कैंडल मार्च में भी भाग लिया।

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