डीआइजी अशोक कुमार को निलंबित करके बनाया बलि का बकरा रमेश गोयत पंचकूला, नया इंडिया। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों का मनोबल गिराने और उनका अपमान करने के साथ साथ उनके साथ दुर्व्यवहार भी कर रही है ताकि सरकार के द्वारा किए जा रहे भ्रष्ट्राचार और अनियमितताओं के मामलों को उजागर नहीं किया जा सके। चन्द्र मोहन ने कहा कि जिस प्रकार से अम्बाला के पुलिस उपमहानिरीक्षक अशोक कुमार को निलंबित करके बलि का बकरा बनाया गया है वह पुलिस के अधिकारियों के उच्च मनोबल को तोड़ने के साथ साथ उन्हें प्रताड़ित करने का कार्य एक साजिÞश के तहत किया गया है। श्री अशोक कुमार को न्याय दिलाने के लिए चन्द्र मोहन ने इस मामले की न्यायायिक जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने याद दिलाया कि फतेहाबाद की तत्कालीन पुलिस अधीक्षक भारती अरोड़ा को शिकायत निवारण कमेटी की बैठक में किस प्रकार से अपमानित किया गया था। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में जिस प्रकार से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्वीकृत कैडर पदों पर पुलिस और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को लगाया जा रहा है। यह प्रदेश के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। इससे आईएएस अधिकारियों में असंतोष फैलेगा ओर इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किस प्रकार से आईपीएस अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों के लिए निर्धारित कैडर पदों पर लगाया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण हरियाणा राज्य परिवहन विभाग में देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि आईपीएस शत्रुजीत कपूर को प्रधान सचिव परिवहन विभाग, आईपीएस अभिताभ ढिल्लो को परिवहन आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है। इतना ही नही भारतीय वन सेवा के अधिकारों डाक्टर एमडी सिन्हा और डाक्टर अनन्त प्रकाश पांडे पर भी विशेष मेहरबानी दिखाते हुए उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के कैडर पदों पर नियुक्ति देकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की योग्यता पर प्रश्न चिन्ह लगा कर इन वरिष्ठ अधिकारियों को अपमानित करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा सरकार अपने अधिकारियों का विश्वास खो चुकी है। प्रदेश के आईएएस अधिकारियों में हताशा और निराशा परिव्याप्त है। किस प्रकार से उनकी उपेक्षा करके अपने चहेते अधिकारियों को प्रतिष्ठित पद देकर उन्हें उपकृत किया जा रहा है यह चिंता का विषय है। उन्होंने याद दिलाया कि किस प्रकार से रीजनल ट्रांसपोर्ट अथांरिटी के कर्मचारियों को हरियाणा राज्य परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजने के आदेश को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है। उससे स्पष्ट है कि हरियाणा सरकार मनमाने ढंग से अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का कोई भी अवसर बाकी नहीं छोड़ रही है। उन्होंने मांग की है कि आईंपीएस अधिकारी अशोक कुमार के निलम्बन को तुरंत रद्द करके उसको बहाल किया जाए तथा इस मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच करवाई जाए ताकि इस अधिकारी को न्याय मिल सके। Post navigation कालका कालेज के छात्रों ने गेट पर लगाया ताला-4 घण्टे तक दिया धरना हाई पावर्ड कमेटी के आदेषों के तहत 2,580 दोषियों का पुनः प्रवेष