राजनीतिक हाशिये से उभर कर आए विनोद शर्मा नये मोर्चे की तलाश रहे हैं सम्भावनाएं, महत्वाकांक्षी नेताओं से सम्पर्क जारी, अवतार भडाना का नाम भी आया सामने ईश्वर धामु चंडीगढ़। हरियाणा की राजनीति में एक नये मोर्चे की सम्भावनाएं तलाशी जाने लगी। बताया जा रहा है कि प्रदेश की राजनीति में ऐसे कद्दावर नेता, जो परिस्थियोंवश बैकफुट पर चले गये थे, वे सक्रिय होने के लिए ऐसी सम्भावनाऐं तलाश रहे हैं। सूचनाओं के अनुसार ऐसे नेताओं के लिए भाजपा और कांग्रेस में सम्मानजनक स्थान न होने से वे नए मोर्चे की सम्भावनाऐं तलाशने में लग गये हैं। क्योंकि इनेलो की विचारधारा में ऐसे नेता अपने आपको फिट नहीं मानते और जजपा के नये नेतृत्व पर विश्वास नहीं है? आप पार्टी का हरियाणा में संकुचित जनाधार होने के कारण यह पार्टी उनके राडार पर नहीं है। हरियाणवी लोगों की भावनाओं के अनुरूप नए मोर्चा की सम्भावनाओं को पूर्व मंत्री विनोद शर्मा तलाशने का काम कर रहे बताते हैं। अप्रैल 2014 में कांग्रेस से बाहर आने के बाद विनोद शर्मा ने 23 जून 2014 को जनचेतना पार्टी नाम से अपनी घरेलु पार्टी का गठन किया था। एक समय में प्रदेश की राजनीति में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के संकट मोचक के रूप में जाने जाने वाले विनोद शर्मा को समय की विपरीत धारा ने राजनीतिक हाशिये पर ला छोड़ा। इसी बीच उन्होंने प्रदेश का ब्राह्मण नेता बनने का भी भरसक प्रयास किया लेकिन सरकारी मदद के बाद भी वे इस मकसद में कामयाब नहीं हो पाये। जबकि कांग्रेस से निष्कासन के बाद उन्होंने सुषमा स्वराज के माध्यम से भाजपा में जाने का भी प्रयास किया, पर वहां पर भी सफलता नहीं मिली। उन्होंने कुलदीप बिश्रोई की हजकां के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन वे और उनकी पत्नी शक्ति रानी चुनाव हार गये। इसके बाद वे सक्रिय राजनीति की सीमारेखा से बाहर हो गए। अभी दिसम्बर 2020 में मेयर के हुये चुनाव में उनकी धर्मपत्नी शक्ति रानी ने भाजपा की प्रत्याशी वंदना शर्मा को हरा कर अम्बाला की मेयर बन गई। इस जीत के साथ ही विनोद शर्मा ने राजनीति की अगली पारी खेलने का मन बना लिया। चर्चाकारों का कहना है कि नये राजनैतिक मोर्चे की सोच को आगे बढ़ाने में पर्दे के पीछे रह कर अवतार भडाना भी कथित रूप से मदद कर रहे हैं। हालांकि 2016 में अवतार भडाना इनेलो छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गये थे। लेकिन अब राजनीति में परिवर्तन करने में भागीदारी का मन बना रहे हैं। चर्चाकारों का कहना है कि विनोद शर्मा और अवतार भडाना ने नये मोर्चे की प्राथमिक प्रक्रियाओं को पूरा कर है। बताया जा रहा है कि मोर्चे के लिए जहां ग्राऊंड लेवल पर काम किया जा रहा है वहीं इस मोर्चे के नाम पर भी काम हो रहा है। हालांकि अभी तक किसी भी स्तर पर इस मोर्चे बारे पुष्टि नहीं की जा रही है। लेकिन महत्वाकांक्षी नेताओं से सम्पर्क किया जा रहा है। जब कुछ पूर्व विधायक और पार्टियों के पदाधिकारी मोर्चे में शामिल होने की विधिवत रूप से अपनी स्वीकृति दे देंगे, उसके बाद ही मोर्चे के बारे में जानकारी को सार्वजनिक किया जायेगा। चर्चाकारों का कहना है कि मोर्चे के अस्तित्व में आने के बाद हरियाणा के निर्दलिय विधायकों से सम्पर्क साधा जायेगा। सूत्र बताते हैं कि मोर्चा के गठन में काम कर रहे नेता कई नामी निर्दलिय विधायकों के सम्पर्क में बने हुये हैं। कहते हैं कि समय आने पर हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा से भी सहयोग लिया जायेगा। चर्चाकारों का मानना है कि अगर यह सम्भावित मोर्चा अस्तित्व में आता है तो कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिये चुनौती खड़ी कर सकता है? Post navigation बुढ़ापा पेंशन बनवाने के लिए बुजुर्गों को नहीं होना होगा परेशान, आयु सत्यापन के लिए आधार कार्ड बनेगा आधार – डिप्टी सीएम हरियाणा: सर्वसम्मति से राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव