– शांतिपूर्ण इस जिले में क्षेत्रवाद जैसी स्थिति पैदा ना करेंः मनीष वशिष्ठ

भारत सारथी

नारनौल । हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे महेन्द्रगढ़ जिला जिसका मुख्यालय नारनौल में स्थित है, में अब नारनौल एवं महेन्द्रगढ़ में जिला मुख्यालय बनाने की माँग को लेकर क्षेत्रवाद जैसा विवाद छिड़ा हुआ है। दोनों तरफ संघर्ष समितियाँ बनी हुई हैं तथा वे समितियाँ दोनों नगरों को जिला मुख्यालय व जिला बनाने पर तुली हुई हैं। इसका कारण हरियाणा सरकार के वे दो पत्र हैं जिनमें एक पत्र के द्वारा महेन्द्रगढ़ में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय को स्थापित करने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय से पत्राचार किया है तथा दूसरे पत्र में मंगलवार के दिन जिला स्तर के प्रत्येक अधिकारी को महेन्द्रगढ़ शहर में बैठने बारे आदेश दिया गया है।

जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मनीष वशिष्ठ एडवोकेट ने अचानक उपजे इस अनावश्यक विवाद के पीछे की सच्चाई जानने के लिए मुख्य सचिव हरियाणा के कार्यालय में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन प्रेषित किया है। उक्त कार्यालय से उन्होंने फाइल नम्बर 21/102/2020-2जेजे(।।) एवं 62/12/2021-6जीएस-। जिसके द्वारा उक्त दोनों पत्र जारी किए गए हैं कि समस्त कार्यालयी टिप्पणियों एवं पत्राचार की सम्पूर्ण फाईल की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त उन्होंने नांगल चौधरी को उपमण्डल बनाने के सम्बन्ध में कोई फाइल सरकार के पास विचाराधीन है तो उस सम्पूर्ण फाईल की भी सत्यापित प्रति की मांग की है।

 पूर्व प्रधान मनीष वशिष्ठ ने कहा कि वे जिला मुख्यालय को नारनौल में रखने के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि संभवतः किसी राजनीतिक कारणों ने इस विवाद को जन्म दिया है, उसकी सच्चाई जानने के लिए उन्होंने इन सूचनाओं की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से सम्पूर्ण जिले के समस्त न्यायालयों एवं तहसीलों में अधिवक्ता कार्य से विरक्त हैं तथा व्यापारी भी अपने अपने क्षेत्र के अधिवक्ताओं को ऐतिहासिक बन्द, रोड़जाम व धरना प्रदर्शन में अपना सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब वर्षों से जिला का नाम महेन्द्रगढ़ एवं उसका मुख्यालय नारनौल में चला आ रहा है, तो अचानक यह विवाद क्यों पनपा इसकी तह में जाने के लिए उन्होंने उपरोक्त सूचनाएं मांगी हैं। श्री वशिष्ठ ने कहा कि यदि यह विवाद किसी राजनीति से प्रेरित है तो उसकी जानकारी जनता को होनी चाहिए। उन्होंने हरियाणा सरकार से अनुरोध किया है की यह जिला शांतिशील है तथा इस तरह के विवाद पैदा करके इस जिले में क्षेत्रवाद जैसी स्थिति पैदा ना करें।

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