योगेंद्र यादव का बयान 9 फरवरी को कांग्रेस के लुधियाना के सांसद श्री रवनीत बिट्टू ने लोकसभा के पटल पर संसदीय विशेषाधिकार का दुरुपयोग करते हुए मेरा नाम लेकर मुझ पर अनर्गल, आधारहीन और दुष्प्रेरित आरोप लगाए और इसके जरिए मुझे लालकिले में 26 जनवरी की घटनाओं से जोड़ने का हास्यास्पद प्रयास किया। जब उनकी अपनी पार्टी कांग्रेस के संसदीय नेता श्री अधीर रंजन चौधरी ने इन आरोपों से पार्टी को अलग कर लिया तो बीजेपी नेता और ट्रोल आर्मी ने इस चरित्र हनन अभियान की कमान संभाल ली है। जैसा कि पूरा देश जानता है कि 26 जनवरी को कुछ समूह और व्यक्ति संयुक्त किसान मोर्चा और पुलिस के बीच ट्रैक्टर यात्रा को लेकर बनी समझदारी का पालन न करने पर आमादा थे। यह जानकारी दिल्ली पुलिस को थी।फिर भी उनको रोकने के कोई पुख़्ता इंतज़ाम नहीं किए गए।लाल क़िला में जो उपद्रव और बेहूदा हरकतें की गयीं उसकी संयुक्त किसान मोर्चा और मैंने तत्काल आलोचना और निंदा की, उसी वक्त शांति की अपील की और ट्रैक्टर परेड रोक देने का फैसला घोषित किया। सरकार ने पूरी जानकारी होते हुए भी जान-बूझ कर इस आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास किया और किसान नेताओं को आरोपित किया। फिर इस बहाने आंदोलन पर हमले आयोजित किए जिसे किसानों ने अपनी एकजुटता से नाकामयाब कर दिया। 26 जनवरी को दिल्ली की गणतंत्र किसान परेड में हुई कथित गड़बड़ियों के बारे में दिल्ली पुलिस के शो कॉज नोटिस का जवाब मैं एक सप्ताह पहले ही दे चुका हूं। आंदोलन को बदनाम करने की इस कुत्सित रणनीति का सच देश के सामने आए इसके लिए जरूरी है कि इस अभियान में जुटे कांग्रेसी और बीजेपी नेता या तो इन आरोपों के पक्ष में कोई प्रमाण पेश करें या फिर इन्हें वापस ले। मैं लोकसभा के अध्यक्ष से अनुरोध करता हूं की सदन के विशेषाधिकार के इस दुरुपयोग को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। मैं दिल्ली पुलिस से मांग करता हूं कि अगर उन्हें 26 जनवरी की घटनाओं में मेरी संलिप्तता का कोई प्रमाण है तो उसे सार्वजनिक करें और उस दिन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई मेरी बातचीत का लॉग और ब्यौरा सार्वजनिक करें। Post navigation संसद में मिथ्या वाचन बाबुओं के हाथ में देश….