आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापक भर्ती परीक्षा घोटाले की निष्पक्ष जांच होने तक परीक्षा परिणामों पर लगे रोक, 816 आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापकों की सेवाएं समाप्त करने का तुगलकी फैसले पर लगे  रोक

चंडीगढ़, 10 फरवरी, 2021 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि हरियाणा आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापक भर्ती परीक्षा में घोटाले और धांधली की बू आ रही है और इस पूरे मामले की पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की देखरेख में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जब तक निष्पक्ष जांच न पूरी हो जाए तब तक परीक्षा परिणामों पर रोक लगनी चाहिए और पहले से कार्यरत 816 आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापकों की सेवा समाप्त करने के फैसले को भी रोका जाना चाहिए ताकि स्कूली छात्रों को पढाई का नुक्सान न हो।

भर्ती परीक्षा में घोटाले के आरोपों पर हरियाणा सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इस सरकार में नौकरियों में धांधली के नए नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। *अभ्यर्थियों का आरोप प्रथम दृष्टया सच लग रहा है कि ऊँची पहुँच वाले किसी व्यक्ति द्वारा सरकारी सरंक्षण में इस भर्ती परीक्षा में धांधली का खेल खेला गया है और भर्ती परीक्षा में चहेतों को लाभ पहुँचाने की कोशिश की गयी।

 बड़ा खुलासा करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इस परीक्षा के लिए कुरुक्षेत्र और करनाल में कुल 40 सेंटर बनाए गए थे, लेकिन 39 सेंटरों में एक पेपर दिया गया और पीपली के सेंटर नंबर 15 में अन्य सभी 39 सेंटरों से अलग पेपर वहां के अभ्यर्थियों को दिया गया।

इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब सेंटर नंबर 15 के अभ्यर्थियों ने हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन द्वारा घोषित आंसर की में दूसरे प्रश्न पत्र को पाया और वो प्रश्न थे ही नहीं जो उनकी परीक्षा में आये थे। जब अभ्यर्थियों ने इस मामले पर हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन से अपना विरोध प्रकट किया तो उन्हें दिए दूसरे प्रश्न पत्र की ‘आंसर की’ भी घोषित की गयी लेकिन अभ्यर्थियों द्वारा अपनी आपत्ति प्रस्तुत करने के समय को बढाने की बजाए अजीबोगरीब ढंग से तीन दिन घटा दिया गया। बाद में उसे वेबसाइट से हटा भी दिया गया।

सुरजेवाला ने कहा कि आए दिन हो रहे पेपर लीक और धांधली के खुलासे इस सरकार के निष्पक्षता के दावों की पोल खोलते हैं। आर्ट एंड क्राफ्ट परीक्षा में इस तरह का खेल बड़ी धांधली की तरफ इशारा करता है और इस पूरे प्रकरण की जाँच होना अत्यंत आवश्यक है, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस प्रकार से आनन फानन में जल्दबाजी दिखाते हुए 816 आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापकों की सेवाएँ समाप्त कर दी हैं, वह भी संदेह पैदा करता है। ऐसा लगता है कि सरकारी नौकरियों को ख़त्म करके युवाओं के भविष्य को धूमिल करने हरियाणा सरकार का एकमात्र लक्ष्य बन गया है। हमारी मांग है कि जब तक कि नई अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच के बाद पूरी भर्ती प्रक्रिया पूरी न हो जाए तब तक सरकार को इन अध्यापकों की सेवाएँ बनाए रखनी चाहिए।

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