उपायुक्त आर्य ने किया कार्यशाला को संबोधित भिवानी/मुकेश वत्स महिला की अनुमति के बिना तांक-झांक करना, उसका पीछा करना और छिपकर देखना भी दंडनीय अपराध है। महिला की इजाजत के बिना महिला का लगातार पीछा कर उससे बातचीत के लिए संपर्क करना, उससे बातचीत के लिए इंटरनेट, ईमेल या अन्य किसी इलैक्ट्रोनिक संचार जैसे किसी भी तरीके से निगरानी करना भी अपराध की श्रेणी में आता है। ये जानकारी महिला एवं बाल विकास द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत स्थानीय पंचायत भवन में पोश यानि शारीरिक शोषण को रोकने के लिए आयोजित एक कार्यशाला में महिला अधिकारियों व शारीरिक शोषण की रोकथाम के लिए सरकारी कार्यालयों में बनाई गई कमेटी सदस्यों को दी गई। उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे और राजीव गांधी विश्वविद्यालय दिल्ली से प्रो. अभिनंदन बसी मुख्य वक्ता रहीं। कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त आर्य ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार शारीरिक शोषण को रोकने के के लिए स्कूलों में बालिका मंच बनाए हैं और उनके एक-एक महिला शिक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किए गया है। उन्होंने कहा कि जिला भिवानी प्रदेश में दूसरे स्थान पर है, जहां सरकारी कार्यालयों में सबसे अधिक कमेटियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि विशेषकर छोटे बच्चों को गुड-टच और बैड-टच के बारे में जानकारी देनी जरूरी है ताकि उनको अच्छे या बुरे के बारे में जानकारी हो सके। उन्होंने कहा कि जब युवा पीढ़ी जागरूक होगी, तभी शारीरिक शोषण की घटनाएं रूकेंगी। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों व महिला अधिकारियों को निर्देश दिए कि शारीरिक शोषण की रोकथाम के लिए बनाई गई कमेटियां पूरी निगरानी रखें और शारीरिक शोषण से संबंधित शिकायत आने पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करें। राजीव गांधी विश्वविद्यालय दिल्ली से प्रो.अभिनंदन बसी ने कहा कि किसी के द्वारा जबरदस्ती यौन गतिविधियों में शामिल होने के लिए दबाव बनाना या आग्रह करना, मौखिक या शारीरिक रूप से यौन व्यवहार को उजागर करना, अश£ील चित्रों को दिखाना या यौन संबंधी बातें करना अपराध की श्रेणी में आता है। श्रीमती बसी ने बताया कि किसी महिला की गरिमा और सम्मान को चोट पहुंचाने के लिए शब्दों और इशारों का इस्तेमाल करना भी अपराध की श्रेणी में आता है। पुरूष कर्मचारियों को नहीं करनी चाहिए। इसी प्रकार से महिलाओं को गलत तरीके से छूना, गले लगाना, कंधे पर हाथ रखना आदि का आचरण नहीं करना चाहिए। Post navigation युवा कल्याण संगठन ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को लिखे पत्र, कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग भाजपा युवा मोर्चा की कार्यकारिणी घोषित