चंडीगढ़, 9 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस नीति पर काम करते हुए हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा अपने विशेष अभियान के तहत दिसम्बर, 2020 के दौरान 13 जांचें दर्ज की गई और 9 जांचों में आरोप सिद्घ हुए। ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि दो जांचों में चार राजपत्रित अधिकारियों व दो अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है तथा तीन संबंधित ठेकेदारों से 1,14,300 रुपये वसूल करने का सुझाव दिया है। इसी प्रकार, तीसरी जांच में एक राजपत्रित अधिकारी के विरूद्घ आपराधिक मुकद्दमा दर्ज करने व विभागीय कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया है जबकि चौथी जांच में तीन प्राइवेट व्यक्तियों से 54,179 रुपये की वसूली की गई। पांचवी जांच में सरकार द्वारा अपने स्तर पर कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया। इसके अलावा, छठी जांच में छ: राजपत्रित अधिकारियों व तीन अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्घ विभागीय कार्रवाई करने तथा एक अराजपत्रित अधिकारी व दो प्राइवेट व्यक्तियों के विरुद्घ आपराधिक मामला दर्ज करने के साथ-साथ एक अराजपत्रित अधिकारी व एक प्राइवेट व्यक्ति से 42,56,841 रुपये वसूलने का सुझाव भी सरकार को दिया गया है। सातवीं जांच में दो अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्घ विभागीय कार्रवाई करने व एक सरपंच के विरूद्घ हरियाणा पंचायती राज अधिनियम,1994 के तहत कार्रवाई करने व 36,035 रुपये ब्याज सहित वसूलने का सुझाव भी दिया है। इसके अतिरिक्त, शेष दो जांचों में पांच अराजपत्रित अधिकारियों के विरूद्घ विभाग अपने स्तर पर कार्रवाई करने सहित दो पूर्व सरपंचों से 1,87,515 रुपये वसूलने का सुझाव भी दिया है। प्रवक्ता ने बताया कि इस अवधि के दौरान ब्यूरो द्वारा छ: विशेष चैकिंग व तकनीकी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई जिनमें से दो कार्य संतोषजनक पाए गए तथा तीन कार्यों की रिपोर्ट में छ: राजपत्रित अधिकारियों व चार अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्घ आपराधिक मुकद्दमा दर्ज कर विभागीय कार्रवाई करने तथा संबंधित ठेकेदारों से घटिया सामग्री इस्तेमाल करने के कारण 6,90,300 रुपये की राशि वसूलने की सिफारिश की है तथा कार्य की रिपोर्ट में एक अराजपत्रित अधिकारी के विरुद्घ आपराधिक मुकद्दमा दर्ज करने के साथ-साथ 2,69,626 रुपये वसूलने का सुझाव दिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि इसी अवधि के दौरान जिन पांच कर्मचारियों व उनके सहयोगियों को 1,500 रुपये से 5,00,000 रुपये तक की रिश्वत लेते हुए रंगे-हाथों गिरफ्तार कर उनके विरुद्घ भ्रष्टïचार निवारण अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए हैं, उनमें जिला कैथल के प्यौदा के हलका पटवारी मनजीत सिंह को 1,500 रुपये, गुरुग्राम पुलिस थाना सदर तावडू जिला नूंह में तैनात सहायक उप-निरीक्षक महेन्द्र सिंह को 20,000 रुपये, नगर निगम यमुनानगर के मुख्य सफाई निरीक्षक व एक प्राइवेट व्यक्ति को 2,00,000 रुपये, गुरुग्राम थाना खेडक़ी दौला में तैनात मुख्य सिपाही अमित कुमार को 5,00,000 रुपये तथा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम, पाली गोथरा, रेवाड़ी कार्यालय के कनिष्ठ अभियंता कंवल सिंह, लाईनमैन सतपाल व सहायक लाईनमैन रोहित को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाना शामिल है। Post navigation सैकेंडरी एवं सीनियर सैकेंडरी कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं 20 अप्रैल से आरंभ 15 फरवरी से सेल्फ लर्निंग कोर्सवेयर फॉर डिजिटल टीचिंग आॅफ टीओटी परियोजना