— जिला बचाओ संघर्ष के लिए जनता में भी भारी उत्साह, धरना स्थल पर व्यापारियों, सरपंच व नंबरदारो ने अपना समर्थन दिया
– आज शनिवार को नांगल चौधरी, अटेली व गोदबलाहा क्षेत्र के व्यापारी व सामाजिक लोगों से संपर्क करके बनाई जाएगी रणनीति
— मुख्य सचिव कार्यालय से निर्देश कि जिला स्तर के सभी अधिकारी प्रत्येक मंगलवार को महेंद्रगढ़ में कार्य करेंगे ने डाला आग में घी
अशोक कुमार कौशिक
नारनौल, 5 फ़रवरी । गत बुधवार को जिला बार एसोसिएशन नारनौल के निर्णय के अनुसार आज जिला बार एसोसिएशन के सभी अधिवक्ताओ ने अपना धरना जिला न्यायालय नारनौल के प्रांगण में तीसरे दिन भी जारी रखा। इसके लिए अधिवक्ता गण ने टेंट लगाकर बैठने की व्यवस्था न्यायिक परिसर के बाहर कर दी है जहां लोगों की भारी गहमागहमी रही। आज अदालतों में पूर्ण रुप से कार्य कार्य ठप रहा कोई भी अधिवक्ता किसी भी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ। हड़ताल को आगामी एक सप्ताह के लिए बढ़ाया गया है जिसमें अधिवक्ताओं के साथ वसीका नवीस मुंशी व स्टाम्पवंडर भी शामिल होंगे। 6 फरवरी को क्षेत्र के नांगल चौधरी गोद बलाहा सिहमा व मण्डी अटेली के व्यापारियों से संपर्क करके आगामी रणनीति तय की जाएगी।
अधिवक्ता गण के जिला बचाओ संघर्ष के लिए प्रयास करते देख स्थानीय जनता में भी उत्साह नजर आया और धरना स्थल पर सैकड़ों लोगों ने उपस्थित होकर अधिवक्ता गण को अपना समर्थन दिया। आज शहर के व्यापारियों ने जिला मुख्यालय मुख्यालय बचाओ संघर्ष में हमेशा योगदान देने का आश्वासन दिया। अधिवक्ता गण से उन्होंने आग्रह किया है कि जब जब इलाके में इस प्रकार के आंदोलन हुए हैं तब अधिवक्ता के अग्रणी रूप से आग लेकर जन कल्याण में कार्य किए हैं, इसलिए इस अभियान की शुरुआत अधिवक्ता गण ने हीं की है और व्यापारी भी पीछे नहीं रहे। इसमें शामिल लोगों के सार्वजनिक सहयोग से इस अभियान को चलाया जाएगा।
यहां जिला मुख्यालय बचाने और जिला को बचाने के संघर्ष में जलती आग में घी डालने का कार्य सरकार द्वारा जारी एक पत्र भी कर रहा है। जिसमें हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव कार्यालय से निर्देश दिया गया है कि जिला स्तर के सभी अधिकारी प्रत्येक मंगलवार को महेंद्रगढ़ में कार्य करेंगे। वर्तमान सरकार की आदेश से इससे पूर्व जिला के अधिकारी सोमवार को महेंद्रगढ़ में बैठते थे। इस पत्र को जिला मुख्यालय स्थानांतरित करने के स्थानांतरण करने के विषय में यहां के लोग इसे सरकार का एक कदम देखते हुए इसका भरपूर विरोध कर रहे हैं। इससे पहले महेंद्रगढ़ में फैमिली कोर्ट बनाई गई और अब एडीजे कोर्ट की घोषणा की गई है। एक षड्यंत्र के तहत नारनौल से सारी चीजें स्थानांतरित की जा रही है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा।
सभी लोगों का कहना है कि यह सरकार का यह कदम पूर्णतया अन्याय पूर्ण है और मनमाने तरीके से एक क्षेत्रीय भौगोलिक स्थिति को भेदभाव करते हुए लोगों में वैमनस्य बनाने का कार्य कर रहा है। इस जिले को बचाने के लिए और जिला मुख्यालय नारनौल नगर में रखने पर संघर्ष में किसी भी सीमा तक जाना पड़ा तो यहां के अधिवक्ता अपने यहां के लोगों के सहयोग से इस संघर्ष को आगे ले जाएंगे ।
आगामी रूपरेखा के लिए कल 6 फरवरी को जिला बार एसोसिएशन नारनौल द्वारा बैठक का आयोजन किया जा रहा है जिसमें अटेली नांगल चौधरी गोद बलावा नारनौल आदि के व्यापारियों वर्षा सामाजिक लोगों से संपर्क कर नई रणनीति तय की जायेगी।