पिछले काफी दिनो से महेंद्रगढ़ जिले का नाम व जिला हेड क्वार्टर बदलने का मुद्दा लगातार गर्माया हुआ है। कभी आंदोलन तो कभी कोर्ट की बातें कही जाती है। भाजपा की शुरू से अंग्रेजों वाली नीति रही है फूट डालो राज करो और यही हथकंडा भाजपा के वरिष्ठ नेता पंडित रामविलास शर्मा ने भी अपने राजनीतिक चमकाने के लिए फैलाया हुआ है । महेंद्रगढ़ में रहने वाले लोगों को अब 55 साल बाद शायद याद तो आया अब जिला �
— 400 वर्षों से पूर्व से जिला नारनौल रहा है
— जिला बचाओ संघर्ष में  क्षेत्र के लोगों से भी सहयोग लिया जाए और संघर्ष को आगे बढ़ाया जाए 

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

नारनौल ।   आज जिला बार एसोसिएशन प्रधान अशोक यादव की अध्यक्षता में बाररूम में प्रातः 11:00 बजे आवश्यक बैठक हुई। बैठक मे सभी उपस्थित सदस्यों ने गंभीरतापूर्वक जिला महेंद्रगढ़ स्थित नारनौल का नाम बतौर जिला नारनौल किए जाने और वर्तमान में इस जिले की भौगोलिक स्थिति से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ ना किए जाने और उसमें कोई परिवर्तन ना किए जाने तथा पंजाब-हरियाणा दोनों राज्यों में जब तक एक समान कोई स्टैंडर्ड व क्राइटेरिया सरकार द्वारा निर्धारित ना हो तब तक जिला न्यायालय स्तर पर विखंडन ना किया जाए और नए न्यायालय की स्थापना ना की जाए। इन बिंदुओं को लेकर सभी उपस्थित सदस्यों ने आपस में गहनता पूर्वक विचार विमर्श किया और विचार विमर्श के उपरांत सर्वसम्मति से निम्नलिखित निर्णय लिए गए।

   1. सर्वसम्मति से यह निर्णय हुआ कि इस जिले का नाम लगभग 400 वर्षों से पूर्व से जिला नारनौल रहा है और यहां लगभग  100 वर्षों से अधिक समय से जिला स्तर के तमाम अधिकारी कार्यरत रहे हैं और अभी भी हैं और बिना किसी सरकारी अधिसूचना के जिले का नाम जिला नारनौल से जिला महेंद्रगढ़ लिखना शुरू कर दिया गया। इस पर विचार करके निर्णय हुआ कि जिले का नाम वर्तमान स्थिति के अनुसार जिला नारनौल किया जाए क्योंकि यही पर जिले का मुख्यालय है और जिला स्तर के समस्त अधिकारी 400 वर्षों से अधिक समय से लगातार यहां कार्यरत हैं।

 2.  यह भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हरियाणा व पंजाब राज्य की संयुक्त उच्च न्यायालय है और दोनों राज्यों में अभी तक उपमंडल स्तर पर अतिरिक्त जिला न्यायाधीश या जिला न्यायाधीश के न्यायालय लगाने के लिए कोई सर क्राइटेरिया दोनों राज्यों की सरकारों ने निर्धारित नहीं किया है और ना ही इस विषय में कोई एक समान योजना व सरकार की पॉलिसी निर्धारित की गई है और ना ही कोई पैमाना निर्धारित किया गया है। इसलिए सभी क्षेत्रों का एक समान विकास करने और सभी को एक समान न्याय प्रदान करने के लिए सर्वप्रथम एक समान पॉलिसी बनाई जाकर क्राइटेरिया फॉर स्टैंडर्ड निर्धारित किया जाना जरूरी है ताकि किसी भी क्षेत्र के साथ कोई भेदभाव ना हो और सभी क्षेत्रों का एक समान विकास हो।

इसलिए इस बार एसोसिएशन ने यह सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि जब तक पंजाब-हरियाणा दोनों राज्यों में एक समान पॉलिसी क्राइटेरिया फॉर स्टैंडर्ड निर्धारित ना हो तब तक अपवाद के रूप में किसी एक क्षेत्र के साथ कोई छेड़छाड़ ना की जाए और इसमें कोई राजनीतिक दखल ना किया जाए।

 3. इस बार एसोसिएशन के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जिला मुख्यालय नारनौल में कार्यरत व जन सेवा में लगे हुए तमाम सामाजिक व धार्मिक संगठन व गैर सरकारी संगठनों से इस जिला बचाओ संघर्ष में सहयोग लिया जाकर क्षेत्र के लोगों से भी सहयोग लिया जाए और उनके सहयोग से इस संघर्ष को आगे बढ़ाया जाए ताकि हमारे जिले के साथ अपवाद स्वरूप कोई छेड़खानी ना हो और कोई भेदभाव ना हो और सभी के साथ एक समान व्यवहार हो।

इस संबंध में जिला बार एसोसिएशन की बैठक में जिला बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया। जिसमें प्राथमिक स्तर पर 21 सदस्य कमेटी का गठन किया गया है और इस कमेटी के अंतर्गत विभिन्न सब कमेटियों का गठन किया गया है ताकि संघर्ष को सुचारू रूप से चलाया जा सके। जिन में जनसंपर्क कमेटी प्रेस कमेटी, सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु सब कमेटी, न्याय व प्रशासनिक स्तर पर कार्य करने के लिए सब कमेटी, जनप्रतिनिधियों से व सामाजिक व धार्मिक संगठनों से समन्वय स्थापित करके उन सभी के अध्यक्षों को इस संघर्ष समिति में शामिल करने के लिए प्रयास किए जाएंगे और जिले के वर्तमान स्वरूप को कायम रखने के लिए हर प्रकार से संघर्ष किया जाएगा और इसके लिए पूरे जनसाधारण को मदद करने के लिए बार एसोसिएशन नारनौल के अधिवक्ता अपना भरपूर सहयोग देंगे।

इसके साथ साथ आज की बैठक में सर्वसम्मति से यह भी निर्धारित किया गया कि प्राथमिक स्तर पर 2 दिन के लिए सभी अधिवक्ता न्यायालय में कार्य करने से अबस्ट्रेन रहेंगे और इस अवधि में कोई भी अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित नहीं होगा और सरकार के द्वारा जो मूवमेंट इस जिले के अंदरूनी संरचना के साथ छेड़खानी की जा रही है उसके विरोध में 2 दिन तक वकील हड़ताल पर रहेंगे और आगामी कार्रवाई के लिए शुक्रवार को सुबह 11:00 बजे बार रूम नारनौल में दोबारा एक बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आगामी संघर्ष की रूपरेखा तैयार की जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया कि यदि कोई अधिवक्ता जिला बार एसोसिएशन नारनौल के इस सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय की अवहेलना करेगा तो उसके विरुद्ध सख्त से सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई बार एसोसिएशन द्वारा की जाएगी। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बार रूम के साथ लगते हुए मैदान में विरोध स्वरूप बार एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा नियमित तौर पर रोजाना सुबह 10:00 बजे से साँय 4:00 बजे तक धरना दिया जाएगा और इसके लिए धरना की व्यवस्था की जा रही है और सभी बार एसोसिएशन के सदस्यों से अनुरोध किया गया है कि वह नियत समय व स्थान पर धरने में अवश्य भाग ले और इसके विषय में श्रीमान जिला जज महोदय व अन्य न्यायाधीश गण तथा जिला प्रशासन को भी उचित माध्यम से सूचना दी जाएगी।

जिला बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य प्रधान श्री अशोक यादव एडवोकेट के अलावा श्री करण सिंह यादव एडवोकेट राकेश मेहता एडवोकेट विजय पाल चौधरी एडवोकेट ओम प्रकाश यादव एडवोकेट उमराव सिंह कौशिक एडवोकेट रतन लाल सैनी एडवोकेट चंद्र प्रकाश गुर्जर एडवोकेट सुभाष यादव एडवोकेट केशव संगी एडवोकेट सुरेंद्र ढिल्लों एडवोकेट रानी साहिबा लिया एडवोकेट भवानी शंकर शर्मा एडवोकेट रामपाल यादव एडवोकेट पवन कुमार यादव सचिव जिला बार एसोसिएशन सुधीर यादव एडवोकेट, सुरेंद्र सिंह एडवोकेट के अलावा अन्य सदस्य भी शामिल थे।

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