चंडीगढ़, 3 फरवरी। पालिकाओं, परिषदों एवं नगर निगमों के 42 हजार कर्मचारी कल 4 फरवरी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के करनाल स्थित कार्यालय व उप उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता तथा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणधीर सिंह गंगवा सहित सरकार के सभी कैबिनेट व राज्य मंत्रियों के आवासों एवं कार्यालय पर प्रदर्शन व घेराव कर मंत्रियों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित कर, 2020 में 25 अप्रैल व 17 अगस्त को शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज व नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के बीच हुए फैसलों को लागू करवाने, कोरोना से मौत होने पर मृतक कर्मचारी के आश्रितों को 50 लाख रुपये विशेष आर्थिक सहायता राशि देने, 4 हजार रुपये जोखिम भत्ता देने, सभी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को ठेका प्रथा से मुक्त कर विभाग के रोल पर करने, सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन लागू करने व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, गुरुग्राम, जींद व अंबाला से छंटनी किए गए तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को ड्यूटी पर वापिस लेने, पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने, 1366 फायर मैन व ड्राइवरों को सृजित पदों पर समायोजित करने, डीए पर लगाई गई रोक को हटाने व अन्य मांगों को मनवाने की मांग करेंगे। प्रेस को यह जानकारी देते हुए नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि प्रदेश के सफाई कर्मचारियों फायर व सीवर एवं अन्य पालिका, परिषद और निगमों के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने कोरोना में सराहनीय कार्य किया है लेकिन सरकार ने समझौतों को लागू ना करके स्थानीय निकाय कर्मचारियों के साथ में विश्वासघात एवं धोखा किया है। Post navigation गृहमंत्री अनिल विज ने राहुल गांधी के ट्वीट पर किया पलटवार हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट सेवा फिर बहाल, जानें क्यों लगी थी रोक?