चंडीगढ़ – हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में इंटरनेट सेवाएं बार-बार बाधित किए जाने के खिलाफ पंजाब -हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। संदीप सिंह व अन्य ने याचिका दायर कर कहा है कि 26 जनवरी को केंद्र सरकार ने सिंघु बार्डर, गाजीपुर, टीकरी, मुकरबा चौक और नांगलोई के आसपास इंटरनेट सेवाओं को रोक दिया है। इसी के तहत हरियाणा सरकार ने 29 जनवरी को एक आदेश के तहत राज्य के 17 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है, जो अलग-अलग आदेश के तहत अब तक जारी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार की इस तरह की कार्रवाई मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। सरकार की इस कार्रवाई के कारण आम लोगों को निजी व व्यापारिक तौर पर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना के चलते बच्चों की पढ़ाई और अन्य कार्यालय से जुड़े काम घर से चल रहे हैं लेकिन इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के चलते सभी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में हाईकोर्ट से मांग की गई है कि सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह इस तरह के आदेश जारी न करे और अगर किसी कारणवश सेवा बाधित हो तो आम जनता को सात दिन पूर्व का नोटिस जारी किया जाए। फिलहाल यह याचिका हाईकोर्ट रजिस्ट्री में दाखिल हुई है, जिस पर जल्द ही सुनवाई हो सकती है। Post navigation अनिल विज ने किया केन्द्रीय बजट में स्वास्थ्य के लिए 137 प्रतिशत वृद्घि पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त हरियाणा पुलिस की दमदार ‘पैरवी’ से जनवरी 2021 में 8 आरोपी पहुंचे सलाखों में