चंडीगढ़, 2 फरवरी – हरियाणा पुलिस जघन्य अपराध के आरोपित लोगों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में पुलिस ने कोर्ट में दमदार पैरवी करते हुए जनवरी माह में पोक्सो, एनडीपीएस व भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज मामलों में 8 गुनाहगारों को सख्त सजा दिलवाई है। हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस की दमदार पैरवी के चलते दुष्कर्म सहित हत्या जैसे जघन्य अपराधों के आरोपियों को जल्द से जल्द उनके अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है। जनवरी माह में कोर्ट द्वारा 1 दरिंदे को आजीवन कारावास की सजा, 2 गुनहगारों को 20-20 वर्ष कैद, 4 को 10-10 वर्ष कारावास और एक आरोपी को 7 साल कारावास के लिए दंडित किया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हरियाणा श्री मनोज यादव द्वारा पुलिस आयुक्तों तथा जिला पुलिस अधीक्षकों के साथ बाल दुष्कर्म सहित अन्य गंभीर अपराध से संबंधित मामलों में ’प्रभावी पैरवी’ सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी की जा रही है। पीड़ितों को जल्द न्याय उपलब्ध करवाने के लिए पुलिस द्वारा सभी महत्वपूर्ण मामलों को ’चिन्हित अपराध’ की श्रेणी में रख कर अभियोजन व अन्य जांच एजेंसी के साथ समन्वय बनाते हुए तेजी से प्रभावी ट्रायल सुनिश्चित किया जाता है। इस तरह के मामलों का प्राथमिकता से निपटान व सख्त सजा के लिए उचित जांच के बाद जल्द से जल्द चार्जशीट दायर की जाती है। सजा का विवरण देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि यमुनानगर में कोर्ट ने 5 साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी 65 साल के आरोपी को आइपीसी की धारा 376एबी व पोक्सो एक्ट में दोषी मानते हुए 20 साल कैद सहित 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। इसी प्रकार, दसवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने के आरोपित को दोषी करार देते हुए रेवाडी की अदालत ने 20 साल की कैद व 22 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। मेले में गए 12 साल के बच्चे की कुकर्म के बाद हत्या करने के मामले में यमुनानगर कोर्ट ने धारा 302 में उम्रकैद व 10 हजार जुर्माना तथा पोक्सो एक्ट में 20 साल कैद और 10 हजार का जुर्माना लगाया। एक अन्य मामले में गुरुग्राम में युवती से दुष्कर्म व ब्लैकमेंलिग के आरोपी को पुख्ता सबूतों व गवाहों के आधार पर दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने 10 साल की कैद व 55 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न चुकाने के मामले में दो साल अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।मर्डर के एक मामलें में भिवानी की कोर्ट ने एक आरोपी को दोषी मानते हुए 10 साल कैद की सजा सहित 25000 रुपये जुर्माना भी लगाया। आरोपी ने पुरानी रंजिश के चलते कोर्ट परिसर में ही अपने चचेरे भाई को गोली मार दी थी। वहीं एनडीपीएस के केस में सुनवाई के दौरान सिरसा की अदालत ने 2 आरोपियों को नशीली दवाइयों की तस्करी का दोषी ठहराते हुए 10-10 साल कैद व एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने पर दो-दो साल अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। गुरुग्राम में अदालत ने जेल वार्डर द्वारा रिश्वत लेने के मामले में दोषी मानते हुए 7 साल कैद व 50000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने जुर्माना न भरने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश भी दिया। Post navigation इंटरनेट सेवा बाधित करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका यह आत्मनिर्भर बजट नहीं आत्मघाती बजट है: अभय सिंह चौटाला