श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास निधि समर्पण अभियान के तहत निकाली शोभा यात्रा
-प्रसिद्ध उद्योगपति एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बोधराज सीकरी का और समाजसेवी और भाजपा नेता अनिल यादव का रहा अहम योगदान

गुरुग्राम। मिलेनियम सिटी गुरुग्राम के सुशांत लोक क्षेत्र में राम नाम के ध्वजों के साथ शोभा यात्रा निकाली गई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास निधि समर्पण अभियान के तहत निकाली गई इस शोभा यात्रा का हर किसी ने स्वागत किया। शोभा यात्रा में शामिल लोग राम धुन पर नाचते-गाते नजर आए। इस शोभा यात्रा में प्रसिद्ध उद्योगपति एवं वरिष्ठ भाजपा नेता श्री बोधराज सीकरी और समाजसेवी और भाजपा नेता अनिल यादव का अहम योगदान रहा। कार्यक्रम की पेरवी की संजय टनड्न ने l

। इस दौरान सुशांत लोक क्षेत्र के अग्रणी लोग पूर्व सरपंच सतीश यादव, , पार्षद आरती यादव, पीएन सिंह, अनिल यादव अभिषेक गुलाटी संजय टंडन, विष्णु खन्नाभी यात्रा में शामिल हुए और भगवान राम को नमन किया। अन्य समाजसेवियों में मानव बंसल, चारों कीर्ति, सुरेश अग्रवाल,दीपक वर्मा, राजीव छाबड़ा, जगदीश अग्रवाल, समेत यात्रा में शामिल महिलाओं में काफी जोश दिखा। इस शोभ यात्रा में अनेक झांकियां भी सजाई गई। सबसे सुंदर भगवान राम की झांकी नजर आई। । राह चलते लोगों ने अपने मोबाइल में इन ऐतिहासिक पलों को कैद किया। शोभा यात्रा में शामिल अन्य झांकियों की छटा भी मनोहारी थी। यात्रा में शामिल सभी लोगों के हाथों में राम-नाम के ध्वज थे। जय श्री राम के जयकारे करते हुए महिलाएं, पुरुष और बच्चे श्रद्धा का माहौल बना रहे थे। अपने निवास के सामने ही श्री बोधराज सीकरी द्वारा श्रद्धालुओं के जल-पान की व्यवस्था की गई थी। श्री बोधराज सीकरी ने कहा कि भगवान राम के भव्य राम मंदिर के निर्माण को हम सबका सहयोग जरूरी है। अपने सामथ्र्यअनुसार सबको दान देना है, ताकि पूरे देशवासियों को गर्व की अनुभूति हो। उन्होंने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं है, जब राम लला एक भव्य मंदिर में विराजेंगे। अयोध्या नगरी के साथ-साथ पूरे देश की यह मंदिर शान होगा। उन्होंने गुरुग्राम समेत देशवासियों से अनुरोध किया है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी के पदचिन्हों पर चलकर हमें उसी तरह की मर्यादा अपने जीवन में भी कायम करनी चाहिए। 21वीं सदी में हम सब ऐसा करेंगे तो हमारा समाज और अधिक उन्नति करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से देश को मजबूती दी है, वह एक मील का पत्थर है। ना तो पहले ऐसे काम कभी हुए और ना ही भविष्य में हो सकते हैं।

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