-कमलेश भारतीय राकेश टिकैत के जज्बाती आंसुओं से पुनर्जन्म हुए किसान आंदोलन से चिंतित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर सर्वदलीय बैठक में यह बात कहनी पड़ी कि वे किसानों के लिए चिंतित हैं और बस एक काॅल की दूरी पर हैं । किसानों के मुद्दे को हल करने के लिए जो प्रस्ताव दिया था , वे अब भी इस पर कायम हैं । प्रधानमंत्री ने किसानों को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की पेशकश दोहराई । आप जब भी काॅल करेंगे , मैं वार्ता के लिए तैयार हूं । बस एक काॅल की दूरी है हमारे और किसानों के बीच । इसके जवाब में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के बयान का स्वागत् करते हैं और वार्ता के लिए भी तैयार हैं लेकिन पहले कुंडली बाॅर्डर पर स्थिति सामान्य बनायें । उधर किसानों ने गांधी जी की पुण्यतिथि पर सद्भावना दिवस के उपलक्ष्य में एक दिन का उपवास भी रखा । राकेश टिकैत ने जो कुंडली बाॅर्डर की बात बताई वहां लोकल के नाम पर लाठी डंडों से लैस लोग आए और पुलिस की मौजूदगी में तम्बुओं में बैठे किसानों पर अचानक हमला कर दिया । यही नहीं पुलिस मूक दर्शक बनी रही और इसकी शिकायत प्रशासन को की गयी । एक तरफ प्रधानमंत्री बस एक फोन काॅल पर बातचीत की ऑफर दे रहे हैं और दूसरी तरफ हाईवे खुलवाने के लिए ऐसे घिनौने कांड किये जा रहे हैं । पैंसठ दिनों तक लोकल लोगों को किसान आंदोलन से कोई तकलीफ नहीं हुई , अब अचानक उन्हें क्या हो गया? असल में ये कोई लोकल लोग हैं ही नहीं । यह बात किसान नेता कह रहे हैं कि जब इनकी फोटो वायरल करेंगे तब ये चेहरे भी बेनकाब हो जायेंगे । गाजीपुर धरने पर लोग फिर बढ़ने लगे हैं जबकि गोदी मीडिया फिर इसे कम बता रहा है कि पहले एक लाख थे , अब सिर्फ चालीस हजार रह गये हैं । जरा चश्मे के नम्बर बदल लीजिए गोदी मीडिया के मित्रो । इधर पच्चीस खापों की हरियाणा की खाप पंचायतों ने सत्ताधारी दल के नेताओं के बहिष्कार की घोषणा की है और इनके नेताओं को घुसने नहीं देंगे और शादी ब्याह के न्यौता भी नहीं देंगे ।। पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने भी कहा कि इन नये कृषि कानूनों से अनाज मंडी प्रणाली कमजोर होगी । तृणमूल कांग्रेस ने भी कृषि कानून वापस लेने की सलाह दी है तो बिहार महागठबंधन ने प्रदर्शन किया किसान आंदोलन के पक्ष में । राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जितना सरकार इस आंदोलन को दबायेगी यह उतना ही मजबूत होगा । कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि किसान आंदोलन को कुचलने की चाल के तहत प्रदेश में इंटरनेट बंद किया गया । इसीलिए प्रधानमंत्री जी । बस एक फोन काॅल या एक कदम की दूरी नहीं बल्कि एक दिल की दूरी है । आप चाहें तो एक कदम चल कर आ सकते हैं और वह कदम उठेगा तब जब दिल से आवाज आएगी ।बस इक दिल चाहिए Post navigation किसान पहले तो किसी को छेड़ता नहीं, लेकिन अगर किसान को कोई छेडऩे की कोशिश करता है तो किसान उसे छोड़ता नहीं: अभय सिंह चौटाला अब सरकार विरोध के विरोध में रैलियाँ