चंडीगढ़। संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्टÑीय प्रवक्ता एवं चंडीगढ़ प्रदेश के प्रभारी कुलदीप मेहरा ने जानकारी दी कि संत शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ की पाँच राज्यों की राष्टÑीय पदाधिकारियों  की बैठक जिसमें जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा एवं चंडीगढ़ शामिल थे डॉ0अम्बेडकर भवन, सेक्टर 37्र, चंडीगढ़ में हुई।

बैठक की अध्यक्षता श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्टÑीय अध्यक्ष रविदासाचार्य श्री सुरेश राठौर ने की। उन्होंने इस बात को लेकर चर्चा कि की संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के चौथे राष्टÑीय अधिवेशन 21 फरवरी को महामहिम राष्टÑपति रामनाथ कोविन्द मुख्य अतिथि होंगे उस अधिवेशन को किस प्रकार से ओर अधिक भव्यता से किया जाये क्योंकि इस अधिवेशन में देशभर के रविदासी जाटव समाज के प्रतिनिधि, साधू-संत, महात्मा एवं डेरा प्रमुख शामिल होंगे। इस बैठक में परम पूजनीय श्रीमहंत परषोतम लाल महाराज देहरा चक हकीम फगवाड़े वाले विशेष तौर से पहुँचे थे साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं महापीठ के अंतराष्टÑीय उपाध्यक्ष विजय सांपला भी पहुंचे। वहीं चंडीगढ़ महापीठ के अध्यक्ष जसवीर सिंह मेहता एवं उनकी टीम ने चंडीगढ़ पहुँचने पर  सभी पदाधिकारियों को श्री गुरु रविदास का चित्र भेंटकर सरोपा पहनाकर स्वागत किया।

बैठक को आगे बढ़ाते हुए महापीठ के राष्टÑीय अध्यक्ष सुरेश राठौर जी ने बताया कि कैसे संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी महाराज का महत्व अपने आप में ही अति सर्वोत्कृष्ट है चूँकि आप देखें कि श्री गुरु ग्रँथ साहिब में हमारे श्री गुरु रविदास जी की सबसे ज्यादा वाणियाँ सुशोभित है। इतना ही नहीं जिन गुरु जी को स्वयं गंगा मैया प्रकट होकर कंगन भेंट करें सोचिए वह कितने महान संत गुरु एवं भगवान स्वरूपी अवतार है। राठौर जी ने संत गुरु रविदास जी की कहानी सुनाई कि कैसे मीरा और कमाली जी को गुरु रविदास जी से साक्षात ज्ञान प्राप्त करवाया था।

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