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भिवानी/धामु  

आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन ने सरकार का पुतला फूंका और गाजीपुर बार्डर व अन्य जगहों पर किसान आंदोलन के नेताओं को बीजेपी के विधायक और पुलिस द्वारा डराने-धमकाने के फांसीवादी हथकंडे अपनाने और धरनास्थल खाली करने की धमकी दिए जाने की कड़ी निंदा की। उन्होंने किसानों की जायज मांग नहीं मानने की सरकार की हठधर्मिता का प्रतिवाद किया।

उन्होंने मांग की कि किसान आंदोलन में पुलिस दखल बंद किया जाए। 26 जनवरी के किसानों के ट्रैक्टर मार्च में घुसपैठ कर गड़बड़ी करनेवाले उकसावेबाजों को तुरंत गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए। किसान-विरोधी तीनों कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल-2020 को रद्द किया जाए। किसानों की उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की कानूनी गारंटी दी जाए। किसान नेताओं ने कहा कि  दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन ने हमारे देश के लाखों लोगों के बीच आशा की एक नई किरण पैदा की है। लोगों ने इसमें एक ऐसी अदम्य वीरता देखी है, जो सभी प्रकार की रुकावटों को धता बताते हुए आन्दोलन को लक्ष्य तक पहुँचा सकती है। इसमें 153 लोगों ने अपनी जानें कुर्बान की हैं। इरादा एक ही है कि तीन किसान-विरोधी, कॉरपोरेट-परस्त कानूनों और बिजली बिल – 2020 निरस्त करने के लिए भाजपा को मजबूर किया जाये।

इस संघर्ष में किसानों को बुजुर्ग, युवा, पुरुष, महिलाएं, छात्र, युवा, मजदूर जनता और बुद्धिजीवियों समेत तमाम लोगों का जबरदस्त समर्थन मिला है। तहेदिल से उनका यह समर्थन आंदोलन को आगे बढऩे में मददगार है। हम बड़े पैमाने पर लोगों से आग्रह करते हैं कि वे भाजपा सरकार के फासीवादी डिजाइन का विरोध करने के लिए आगे आएं और आंदोलन को विजयी बनाएं। आन्दोलन को बदनाम करने वाली ताकतों के झांसे में आने से बचें।

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