रमेश गोयत

पंचकूला। एमएल.वर्मा, आईएएस. व उनके परिवार को शहीदी दिवस, हरियाणा के कई जिलों में व उनके पैतृक गांव में धूमधाम से मनाया जा रहा है। 

एमएल वर्मा, आईएएस. को 01 फ़रवरी 1992 को खालिस्तान समर्थक उग्रवादियों ने उनको परिवार सहित शहीद कर दिया था जिसमें उनके 2 बेटे गौरव व सौरभ तथा उनकी धर्मपत्नी प्रीति वर्मा भी थीं। वर्मा उस समय चौ० भजन लाल के अतिरिक्त प्रधान सचिव के पद पर तैनात थे। पंजाब के अलगाववादी उनसे इसलिए खफा थे क्योंकि वह एसवाईएल. व चण्डीगढ़. जैसे मुददों को हरियाणा सरकार की ओर से हरियाणा के हित में पैरवी करते थे।

1 फरवरी 1992 को श्एम.एल.वर्मा अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने पैतृक गांव ललहाड़ी कला में जा रहे थे उग्रवादियों ने घात लगाकर कक्कड़माजरा, नजदीक शहजादपुर के पास चलती गाड़ी में उनकी गाड़ी पर फायरिंग की जिसमें उनके साथ उनके दोनों बेटे व धर्मपत्नी शहीद हो गये थे इस जघन्य हत्याकांड में उनके ड्राईवर राजबीर तथा गनमैन सतवीर सिंह भी शहीद हो गये थे। इस शहीदी परिवार को हर साल हरियाणा के कई जिलों में शहीदी दिवस मनाकर श्रद्धांजलि दी जाती है।

इस वर्ष भी पानीपत जिला में उनके शहीदी स्मारक कुरुक्षेत्र, जींद, करनाल, यमुनानगर, छछरौली व उनके पैतृक गांव ललहाड़ी कलां में उनका शहीदी दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। वर्मा ने एक साधारण परिवार में जन्म लिया था और वर्मा ने हरियाणा राज्य व भारत सरकार में कई नहम पदों पर कार्य किया था। उनको हरियाणा में एक कुशल व ईमानदार प्रशासक रूप में जाना जाता है।  वर्मा के छोटे भाई  संजीव वर्मा आजकल मिश्नर डिविजन करनाल के पद पर तैनात हैं।

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