अमेरिकी कैपिटल हिल पर हमले के लिए ट्रंप ज़िम्मेदार, तो लाल किले पर हुए उपद्रव के लिए कौन ज़िम्मेदार? : सुनीता वर्मा

किसान आंदोलन को बदनाम करने वाले दीप सिद्धू की गिरफ्तारी हो और उसकी कॉल डिटेल्स की जांच हो. – ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र के लोगों से मिलकर जानी उनकी दुख तकलीफें. – किसान आंदोलन के दौरान लालकिले पर हुई हिंसा की कड़ी निंदा की

पटौदी 27/1/2021 : कॉन्ग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने पटौदी क्षेत्र के गांव डाडावास में पहुंच कर लोगों का हाल चाल जाना और उनकी दुख तकलीफें सुनी, अपने ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान उन्होंने लोगों से रु – ब – रु होते हुए कहा कि बीजेपी सरकार अपनी नफरत की राजनीति के चलते जनता से अपना भरोसा खो चुकी है, उसकी झूठ और जुमलों की राजनीति से जनता तंग आ चुकी है। प्रदेश की इस गठबंधन सरकार में अपराध व बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है।

ग्रामीणों के साथ चाय पर चर्चा के दौरान उन्होंने किसान ट्रेक्टर परेड में हुए उपद्रव पर बोलते हुए कहा कि करीब दो माह से शांतिपूर्वक चल रहे किसान आंदोलन को बदनाम करने की ये बीजेपी की साजिश है। उन्होंने कहा कि वैसे जब 100 से ज्यादा किसान इस आंदोलन की भेंट चढ़ चुके थे तब सब शांत थे और आज ये दंगें की राजनीतिक खुराक मिलते ही सब फर्जी राष्ट्रवादी अपने बिलों से बाहर निकल आये।

पटौदी से पार्टी की भावी सम्भावित प्रत्याशी वर्मा ने कहा कि अमेरिका के कैपिटल हिल पर हमले के लिए डोनाल्ड ट्रंप ज़िम्मेदार थे तो दिल्ली के लाल किले पर हुए उपद्रव के लिए कौन ज़िम्मेदार है? जनता ये सब जानती है।

उन्होंने इस दंगे के लिए दीप सिद्धू को सीधे सीधे जिम्मेदार ठहराते हुए कहा की इसकी संलिप्तता ने इस बात को प्रमाणित कर दिया है कि इन बीजेपी की मक्कारी की कोई सीमा नही है, क्योंकि इस दीप सिद्धू की सीधी पहचान बीजेपी के बड़े नेताओं से है।

वर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही बीजेपी के नेताओं के साथ दीप सिद्धू की फ़ोटो से ये साफ है कि हिंसा को हवा देने वाला, किसान आंदोलन को बदनाम करने वाला ये दीप भाजपा नेताओं का कितना करीबी है।

कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने वाले दीप सिद्धू की तुरन्त गिरफ्तारी होनी चाहिए और उसकी कॉल डिटेल्स की जांच होनी चाहिए, सच्चाई अपने आप सामने आ जायेगी की वह इन दिनों किस किस से और कहां कहां मिला।

वर्मा ने यह भी कहा कि जांच की बात ये भी है कि लाल किला तक किसान पहुंचें कैसे, और उसका मुख द्वार क्यों खुला रखा गया, किसानों के मार्च के निर्धारित रुट पर बेरिकेड्स क्यों लगाए गए और उन पर लाठीचार्च करके उन्हें क्यों उकसाया गया…अगर सही ईमानदारी से ये सब जांच हो जाए तो इस किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए सरकार का रचा पूरा षड्यंत्र सामने आ जायेगा।

वर्मा ने किसान आंदोलन में हुई इस हिंसा की भी कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि हम किसी भी प्रकार से हिंसा के समर्थन में नही है, इस घटना से पूरा देश शर्मसार हुआ है। लेकिन हम चाहते है कि इस निंदनीय घटना के असली जिम्मेदार लोगों को भी गिरफ्तार करके कानून के कटघरे में खड़ा किया जाए और उन्हें सजा दिलाई जाए, लेकिन इसके लिए निर्दोष लोगों को परेशान न किया जाए। उन्होंने कहा कि, आंदोलन संविधान की गरीमा के अनुरूप ही होना चाहिए।

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