-कमलेश भारतीय

मानव भावनाओं को समझने में साहित्य का बड़ा योगदान है । साहित्यकार का समाज में बड़ा अस, होता है । यह कहना है हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का । वे हरियाणा की वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी धीरा खंडेलवाल की सद्य प्रकाशित दो काव्य संग्रहों मेघ मेखला और रेशमी रस्सियां का विमोचन करने के बाद यह बात कही । उन्होंने सुखद आश्चर्यचकित करते हुए कविता पाठ भी किया :

मैं व्यस्त नहीं. अस्त व्यस्त हूं ,,,

श्री खट्टर ने कहा कि हरियाणा संस्कृति से जुड़ा प्रदेश है । यह भी बताया कि अकादमियों को प्रोमोट किया जा रहा है । युवा साहित्यकारों को प्रोत्साहित किया जाये , ऐसी योजना बनाई जा रही है । अकादमियों के पुनर्गठन के संकेत भी दिये ।

इससे पूर्व कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्वाध्यक्ष डाॅ वालों गुप्त मंगल ज्योति ने इन पुस्तकों पर विचार व्यक्त करते कहा कि धीरा खंडेलवाल की कविताएं संवेदनशील व संस्कारशील कविताएं हैं । ये जीवन के सुनहरे पलों की कविताएं हैं । प्रकृति और पर्यावरण को आमने सामने रखते हैं ये कविताएं ।

साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि धीरा खंडेलवाल की कविताएं तपते रेगिस्तान में सुखद हवा के झोंके के समान है । इनकी कविताएं नारी मुक्ति का नया माॅडल हैं । धीरा खंडेलवाल सकारात्मक सोच की कवयित्री हैं । दुख यह है कि कविता में से प्रकृति और प्रेम गायब होता जा रहा है । इनकी कविताओं में स्त्री विमर्श, नारी मुक्ति और पर्यावरण के नये आयाम हैं । पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ गुरमीत सिंह ने कहा कि धीरा खंडेलवाल प्योगशील कवयित्री हैं । इनकी कविताओं में समाज की विद्रूपताओं को दिखाया गया है । कार्यक्रम को विजय वर्धन , डी एस ढेसी और वी उमाशंकर ने भी संबोधित किया । पी दास भी मौजूद रहे और बाप ईए के खंडेलवाल भी और मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते ऐसा कि धीरा जी की सफलता के पीछे के के खंडेलवाल हैं ।

कार्यक्रम का संचालन हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डाॅ चंद्र त्रिखा ने किया । इस समारोह में सुभाष रस्तोगी , सुरेंद्र बंसल, रश्मि, प्रेम विज, रोशन लाल आदि मौजूद रहे ।

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