बेबस और लाचार गोवंश के संरक्षण को हवन यज्ञ

श्री महाकालेश्वर विकलांगो सेवा सदन खेड़ा खेड़ी में आयोजन.
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 को  गौ संरक्षण के लिए हवन-यज्ञ में आहूति अर्पित करें

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 ब्रह्मांड में मां का दर्जा गाय, धरती और जननी को ही दिया गया है । किसी भी जीव के पालन पोषण में और जीवो के संरक्षण में इन तीनों का ही अपना अलग-अलग अतुलनीय योगदान अनादि काल से चलता आ रहा है । भारतीय सनातन संस्कृति में गाय को ब्रह्मांड का श्रेष्ठ जीव माना गया है । क्योंकि जननी के बाद गाय का दूध ही शिशु के लिए जीवनदायी और श्रेष्ठ माना गया है । यही कारण है कि अनादि काल से देवताओं के युग से लेकर आज तक गाय की सेवा और संरक्षण संरक्षण की परंपरा चली आ रही है । यह परंपरा नहीं एक समर्पण भाव है ।

इसी कड़ी में ऐसे गोधन की सेवा जो कि अपंग हो, लाचार हो, बेबस हो, अंधा हो या फिर किन्ही कारणों से दुर्घटनाग्रस्त हो, ऐसे गोधन की सेवा किया जाना सर्वश्रेष्ठ सेवा माना गया है। इसी कड़ी में महाकाल संस्थान के अधिष्ठाता अज्ञातवास को प्रस्थान कर चुके महामंडलेश्वर ज्योति गिरी के द्वारा स्थापित श्री महाकालेश्वर विकलांगो सेवा सदन हेडाहेडी में 24 जनवरी रविवार को गौ माता को समर्पित और गोधन के संरक्षण के हितार्थ एक विशाल हवन यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है । यह जानकारी श्री महाकालेश्वर विकलांग सेवा सदन के संचालक महंत राजगिरी के द्वारा दी गई है ।

उन्होंने बताया की आध्यात्मिक गुरु महामंडलेश्वर ज्योति गिरी के द्वारा ही इस विकलांग सेवा सदन की स्थापना करके अनेकों अनेक बेबस ,लाचार, दुर्घटनाग्रस्त गोधन कि यहां सेवा की जा रही है । वास्तव में गो धन ही एकमात्र ऐसा पृथ्वी पर जीव है जो कि ऑक्सीजन ही ग्रहण करता है और ऑक्सीजन ही छोड़ता है । जहां कहीं भी अथवा जिस घर में आंगन में गांव में गौशाला हो गोपालन किया जाए वहां पर तमाम देवी देवताओं की अनुकंपा स्वयं ही बनी रहती है । आज जरूरत है गोधन के संरक्षण की , विशेष रूप से ऐसा गोधन जो कि बेबस ,अपंग ,लाचार ,विकलांग ,अंधा या फिर किन्ही कारणों से तेजाब डालकर जला दिया गया हो या किसी सड़क हादसे का शिकार हो चुका हो । श्री महाकालेश्वर विकलांगो सेवा सदन हेडाहेडी में ऐसे ही गोधन की सेवा की जा रही है  ।

24 जनवरी रविवार को यहां महाकालेश्वर विकलांग गौ सेवा सदन हेड़ाहेड़ी में प्रातः के समय गोधन को समर्पित हवन यज्ञ अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा । तत्पश्चात यहां आने वाले तमाम गो भक्तों को प्रसाद ग्रहण कराया जाएगा । उन्होंने महाकाल भक्तों  और तमाम गौमाता के प्रेमियों का आह्वान किया है कि 24 जनवरी रविवार को माघ माह को किसी भी तपस्या जप, तप, अनुष्ठान के लिए श्रेष्ठ माने गए माह के दौरान किए जाने वाले गोधन को अर्पित समर्पित हवन यज्ञ में आहुति अर्पित कर पुण्य के भागीदार बने। 

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