तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष में किसान- मजदूर एकजुट

सभी वर्गों पर पड़ेगी काले कानूनों की मार, लड़ेंगे और जीतेंगे

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 केंद्र सरकार द्वारा थोपे गए तीनों कृषि कानूनों की बड़ी मार सभी वर्गों पर पड़ने वाली है और इनके खिलाफ किसान और मजदूर एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहे हैं। यह बात इंटक के जिला प्रधान सुशील धानक और  अंबेडकर महासभा के जिला प्रधान सुनील गोलपुरिया ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ये कानून लागू होने के बाद असीमित भंडारण से मंहगाई बढ़ने के साथ गरीबों को सस्ता अनाज मिलना बंद हो जाएगा और मजदूरों को खाने के लाले पड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ महापूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही है और किसान-मजदूर दोनों को खत्म करने पर तुली है। इसलिए दोनों हाथ मिलाकर जुल्मी सरकार को झुकने पर विवश कर देंगे।                   

दादरी के निर्दलीय विधायक और खाप 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गुरु गोबिंद सिंह  ने धर्म, संस्कृति व राष्ट्र की आन -बान और शान के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था। उनसे सीख लेने की जरूरत है। किसान आंदोलन की चर्चा करते हुए सोमबीर सिंह ने कहा कि सरकार अहंकार में भरी है। लेकिन भूल रही है कि लोकतंत्र में जनता सबसे बड़ी ताकत है। अब भी वक्त है कि सरकार जाग जाए और किसानों की सभी मांगों को आज होने वाली बैठक जरूर मान ले ताकि किसान शांतिपूर्ण ढंग से वापिस घर लौटकर अपनी खेती-बाड़ी और काम-धंधों को संभाल सकें।                   

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर 27वें दिन चल रहे अनिश्चित कालीन धरने की आज नरसिंह डीपीई, शमशेर फौगाट, मास्टर राज सिंह, गंगाराम श्योराण, रणधीर कुंगड़, कमल प्रधान, मास्टर ओमप्रकाश कितलाना, कृष्णा छपार ने संयुक्त अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानी तो संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली किसान परेड में इलाके के 36 बिरादरी के लोग बढ़चढ़कर भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार जोर जबर्दस्ती से बाज आये और किसान परेड में कोई व्यधान ना डाले।                   मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया।

इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, राजू मान, जगबीर घसोला, धर्मपाल महराणा, सुभाष यादव,  अधिवक्ता ब्रह्मानन्द, दिलबाग ग्रेवाल, खजान सिंह सांगवान,  धीरज सिंह, आचार्य देवी सिंह, धर्मेन्द्र छपार, डॉ ओमप्रकाश, बलजीत फौगाट, नरदेव अटेला, कुलवंत रंगा, बलबीर बजाड़, प्रेम अचीना, भरपूर यादव, बलवान यादव, प्रदीप यादव, कमल यादव, हरिकिशन यादव, शमशेर सांगवान, राजेन्द्र फौजी, सूबेदार सतबीर सिंह, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, कर्मबीर श्योराण, पप्पू नांगल, धर्मबीर पूनियां इत्यादि मौजूद थे।

You May Have Missed

error: Content is protected !!