बीती रात शटरिंग गोदाम से लोहे की प्लेटों की लूट .
लोहे की प्लेट ले जाने के बाद ऑफिस में लगाई आग
. 1 वर्ष में दूसरी बार शटरिंग गोदाम को बनाया निशाना

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।   सही मायने में स्थानीय पुलिस के लिए यह बहुत बड़ी चुनौती है कि आखिर रात के समय चोर गिरोह पर अथवा लूट गिरोह पर किस प्रकार से लगा कसी जाए ? लाख टके का सवाल यह है कि जिस प्रकार से अब वारदात को अंजाम दिया गया,  उसे चोरी कहें , लूट करें या डाका ही कहा जाए । बीते 1 वर्ष में पटौदी हेलीमंडी के सबसे व्यस्त सड़क मार्ग पर हेलीमंडी में बाबा सोमदेव शटरिंग गोदाम को लुटेरों ने दूसरी बार निशाना बनाया है और इस बार इस शटरिंग स्टोर से लोहे की कीमती लाखों रुपए की प्लेटें ले जाने के साथ ही शातिर दिमाग लुटेरों ने यहां बने ऑफिस को आग लगाकर पूरी तरह से खाक कर दिया ।

इस संदर्भ में बाबा रामदेव सेटिंग स्टोर के मालिक मनोज शर्मा के द्वारा पुलिस में शिकायत दे दी गई है । गौरतलब है कि बीते वर्ष 3 जनवरी को भी मध्य रात्रि के समय करीब 6 लाख की लोहे की शटरिंग वाली प्लेटें एक ट्रक में लोड करके अज्ञात चोर ले गए थे। 1 वर्ष बाद भी पुलिस प्रशासन ने तो चोरों की पहचान कर सका और ना ही चोरी किए गए सामान को बरामद करने में कामयाब हुआ है । उस समय भी चोरों ने शटरिंग गोदाम में बने कार्यालय में घुसकर सीसीटीवी कैमरे को बंद किया, डीवीआर से छेड़छाड़ की । वहीं कई अन्य सीसीटीवी कैमरे को भी ढक दिया गया, जिससे कि चोरों  और वाहन की पहचान नहीं हो सके ।

इसके बाद में बीती रात को एक बार फिर से चोरों के मुकाबले डकैत कहना बेहतर होगा, इसी बाबा सोमदेव शटरिंग गोदाम में लुटेरे पहुंचे और यहां से करीब 3 लाख कीमत की लोहे की  प्लेटें एक वाहन में लाद कर फरार हो गए । इस बार शातिर चोर लुटेरों ने और एक कदम आगे बढ़ाते हुए गोदाम में बने ऑफिस में आग लगाकर पूरे ऑफिस को ही राख में बदल डाला ।  मालिक मनोज शर्मा ने बताया बीती रात को उसके पड़ोसी का फोन आया कि गोदाम में बने ऑफिस में से आग और धुआं दिखाई दे रहा है , इसके बाद वह बिना देरी किए अपने पैतृक गांव ब्राह्मणवास से रात को ही हेली मंडी  अपने शटरिंग स्टोर गोदाम में पहुंचा । यहां ऑफिस में सुलगती आग को देखकर बुझाने का भरपूर प्रयास किया गया , लेकिन नाकाम रहा । मनोज के मुताबिक इसके बाद में विभिन्न स्थानों पर जब सीसीटीवी कैमरे को देखा गया तो एक बोलेरो अथवा पिकअप जैसी गाड़ी में शटरिंग की लोहे की प्लेट लोड करके ले जाते हुए देखा गया ।

इस बार चोरी न कहकर लूट अथवा डाका डाले गए लोहे की प्लेटों की कीमत भी करीब 3 लाख है । वही ऑफिस में आग लगाने के बाद ऑफिस का तमाम दीवारों का पलस्तर छतों का पलस्तर लोहे की अलमारी कंप्यूटर फर्नीचर सभी कुछ राख में बदल गया । ऐसा कोई भी सबूत नहीं बचा जिसमें की शटरिंग के स्टोर का रिकॉर्ड लेन-देन का हिसाब किताब या अन्य कोई रिकॉर्ड सुरक्षित हो । क्योंकि आग के कारण डीवीआर कंप्यूटर ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरे इत्यादि सब कुछ पूरी तरह से राख में बदल गया है । आग कितनी भयंकर थी इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दीवारों और छतों का पलस्तर भी भरभरा कर जमीन पर आ गिरे। अब ऐसे में सवाल यह है कि यह ऐसा कौन सा चोर अथवा लुटेरा गिरोह है जो कि केवल और केवल आज के समय में शटरिंग अथवा गोदाम से केवल लोहे की प्लेटें ही लूट कर ले जाने का काम कर रहा है । वही मनोज ने एक और सवाल भी उठाया है कि विभिन्न स्थानों पर पुलिस की नाकाबंदी होने के बावजूद आखिरकार चोरी के सामान से लदे वाहन क्यों और कैसे पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार हो रहे हैं ? चोरी अथवा लूट की घटना के बाद से आसपास के सभी दुकानदारों सहित बड़े शोरूम संचालकों में अपने प्रतिष्ठान की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।