रमेश गोयत

पंचकूला। कॉलेज टीचर एसोसिएशन हरियाणा के पदाधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से मीटिंग की और सभी ने एक स्वर में सर्व-सम्मति से सरकारी अनुदान प्राप्त कॉलेजों के स्टाफ को टेकओवर करने की मांग की। इस मीटिंग की अध्यक्षता प्रधान डॉ राजबीर सिंह ने की। इस मीटिंग में महासचिव डॉ मदन राठी, डॉ राजपाल डांडा, डॉ हरविंदर कौर, डॉ चिराग, डॉ सुदीप और अन्यपदाधिकाररियों ने भाग लिया।

कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन बार-बार अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और महानिदेशक, उच्च शिक्षा से मिलकर समस्याओं से संबंधित अनेकों प्रतिवेदन दे चुकी है और उन्हें सभी समस्याओं से अवगत करा चुकी है। हर बार ठोस आश्वासन दिया जाता है, लेकिन होता कुछ भी नहीं है। मकान किराया भत्ता (एचआरए) सरकार के सभी सरकारी कर्मचारियों को मिल चुका है। लेकिन एडेड कॉलेजों के स्टाफ की फाइल वित्त मंत्रालय के एसीएस के पास लंबे समय से पडी हुई है। इसके साथ ही कंपैशनेट फाइनेंशियल अस्सिटेंस स्कीम सरकारी महाविद्यालयों के सभी शिक्षक कर्मचारियों पर लागू है लेकिन सहायता प्राप्त कॉलेजों में कार्यरत स्टाफ पर यह स्कीम अभी तक लागू नहीं की गई। पिछले एक वर्ष से इन महाविद्यालयों में लगभग आठ कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है और उनके परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। इन कॉलेजों में कार्यरत एनपीएस कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की फाइल वर्ष 2018 से शिक्षा विभाग में धूल फांक रही है। इसके साथ ही चिकित्सा और चिकित्सा प्रतिपूर्ति की फाइल भी विभाग के अधिकारियों की उदासीनता का शिकार है।

इन कॉलेजों में सरकार 95 प्रतिशत अनुदान देती है और 5 प्रतिशत प्रबंधक समितियां देती है लेकिन बहुत से महाविद्यालयों में कर्मचारियों को केवल 95 प्रतिशत वेतन ही मिल पाता है। अनुदान प्राप्त कॉलेजों में हर वर्ष छात्रों की संख्या घटती जा रही है जिसे शिक्षक वर्ग को अपनी जॉब सिक्योरिटी का डर लगा रहता है। इसके साथ और भी बहुत सी मांगे हैं जो पिछले 20 वर्षों से लम्बित पडी हुई है। उनका कोई भी हल नहीं निकाला गया है। हर बार मीटिंग भी होती है आश्वासन भी दिए जाते हैं लेकिन मिलता कुछ भी नहीं है। इन कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारियों को अनेक समस्याओं से जूझना पड़ता है।

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