पंचकूला। प्रमुख समाजसेविका व किसान नेत्री पूनम चौधरी ने कहा कि किसान सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन संसद में कृषि कानूनों के निरस्त होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। पूनम ने कहा कि कानून को संसद में तैयार किया गया न कि सुप्रीम कोर्ट में इसलिए उसे वहीं निरस्त किया जाना जरूरी है। इन कानूनों के निरस्त होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

पूनम चौधरी ने कहा कि हम कभी सुप्रीम कोर्ट नहीं गए. हमारा आंदोलन एक क्रांति है. हमारा आंदोलन सरकार के खिलाफ है। पूनम चौधरी ने जोर देकर कहा कि सरकार को एक संसद सत्र बुलाने की जरूरत है और किसान आंदोलन के खिलाफ कोई सांसद आवाज उठाता है तो हम उनका नाम नोट करेंगे और दूसरों को उनके बारे में बताएंगे। उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि कोई कृषि मंत्री नहीं है।

पूनम चौधरी ने कहा कि 18 मंत्री हैं जो कृषि मामलों को देख रहे हैं. यह सब होना तय है. हम प्रधानमंत्री और सरकार को खोज रहे हैं, लेकिन हमें कोई मिला नहीं। चौधरी ने कहा कि 26 जनवरी को किसानों की तिरंगा यात्रा निर्धारित है। राजपथ पर जवानों के साथ किसान होंगे। उन्होंने कहा पहली बार देख रहा हूं कि तिरंगा यात्रा को रोका जा रहा है। जो लोग तिरंगा यात्रा पर वाटर कैनन का इस्तेमाल करेंगे वे ही असली खालिस्तानी होंगे।

/सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया है कि प्रतिबंधित समूह सिख फॉर जस्टिस ने 26 जनवरी को खालिस्तानी झंडा लहराने का आह्वान किया है। पूनम ने कहा कि हम इसकी इजाजत नहीं देंगे। कानून व्यवस्था देखना पुलिस की जिम्मेदारी है। लेकिन आप इन सरकारी एजेंसियों को नहीं जानते। किसान आंदोलन की छवि धूमिल करने के लिए वे खुद इस तरह का झंडा लहराने के लिए किसी को खड़ा कर सकती हैं।

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