भारत सारथी जुुुबैर खान नूंह हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के उप नेता व नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद लगातार किसान आंदोलन में अपनी भूमिका को रफ़्तार देते हुए नजर आ रहे हैं। मेवात के आसपास चल रहे व दिल्ली में सभी किसान आंदोलन स्थलों पर आफताब अहमद लगातार पहुंच रहे हैं। शनिवार को वो पुनहाना विधानसभा के सुन्हेडा गांव में राजस्थान बोर्डर पर चल रहे धरना प्रदर्शन में पहुंचे और किसानों की मांगो का समर्थन करते हुए बीजेपी सरकार को जमकर निशाने पर लिया। नूंह विधायक के साथ पीसीसी सदस्य चौधरी महताब अहमद व उनके सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता व समर्थक मौजूद थे। सीएलपी उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने किसानों को संबोधन करते हुए कहा कि पहला कृषि का काला कानून निकट भविष्य में सरकारी कृषि मंडियों को शून्य कर देगा, जैसे ही सरकारी मंडियों की प्रासंगिकता खत्म होगी, ठीक उसी के साथ एमएसपी का सिद्धांत भी खत्म हो जाएगा क्योंकि मंडियां एमएसपी को सुनिश्चित करती हैं। दूसरे काला कानून से किसानों को विवाद की स्थिति में सिविल कोर्ट जाने से रोका गया है, कांट्रैक्ट फार्मिंग के कानून से देश में भूमिहीन किसानों के एक बहुत बड़े वर्ग के जीवन पर गहरा संकट आने वाला है। देश में कुल 26.3 करोड़ परिवार खेती-किसानी के कार्य में लगे हुए हैं, इसमें से महज 11.9 करोड़ किसानों के पास खुद की जमीन है, जबकि 14.43 करोड़ किसान भूमिहीन हैं। सीएलपी उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने कहा कि तीसरा काला कानून आने वाले निकट भविष्य में खाद्य पदार्थों की महंगाई का दस्तावेज है, जिससे निजी क्षेत्र को असीमित भंडारण की छूट दी जा रही है, सरकार को पता नहीं चलेगा कि किसके पास कितना स्टॉक है और कहां है? यह जमाखोरी और कालाबाजारी को कानूनी मान्यता देने जैसा है, समय रहते सरकार को चाहिए कि इन तीनों कानूनों को रद्द करें। सीएलपी उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने उन मेवात के हारे हुए भाजपा नेताओं को भी निशाने पर लिया जिन्होंने इन तीन कृषि कानूनों के समर्थन में उपवास किया था। उन्होंने कहा कि वो नेता उपवास नहीं बल्कि किसान का उपहास उड़ा रहे हैं, मजाक उड़ा रहे हैं, ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए। सीएलपी उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने कहा कि बीजेपी सरकार ने देश प्रदेश को बर्बाद कर दिया है, कभी सीएए एनआरसी लाती है, कभी जीएसटी लागू करती है, कभी नोट बंदी करती है, कभी दलितों पर कारवाई करती है, तो कभी किसान मजदूर को निशाना बनाती है। मेवात से खुला भेदभाव बीजेपी सरकार कर रही है और कई जनता द्वारा नकारे गए बीजेपी नेता मेवात के किसानों के खिलाफ कभी पानी रुकवाने की शाज़िश करते हैं तो कभी काले कानून का समर्थन करते हैं। ऐसे मौकापरस्त लोगों की पहचान लोगो ने अच्छे से कर ली है। इस दौरान एक पत्रकार के सवाल के जवाब में आफताब अहमद ने कई वर्ष पहले पुनहाना के नेहदा गांव के युवा साहिब के लिए इन्साफ के बारे में कहा कि कुछ नेता बड़ी बड़ी बाते करते थे इन्साफ दिलाने की आज वो साहिब को भूल कर बीजेपी की गोद में बैठ गए हैं और साहिब का मामला आज तक नहीं उठाया है ऐसे लोग मौकापरस्त हैं। लेकिन कांग्रेस इस मामले में इन्साफ की लड़ाई लड़ेगी।पीसीसी सदस्य चौधरी महताब अहमद ने कहा कि पहले सरकारें जय जवान जय किसान का नारा देती थी, आज की बीजेपी सरकार जवान को किसान के आगे खड़ा करके भिड़ाना चाहती है, पहले की कांग्रेस सरकार 70 हजार करोड़ के कर्ज किसानों के माफ करती थी आज की बीजेपी सरकार किसानों को ग़ुलाम बनाना चाहती है, उनकी जमीनों को अमीरों के हवाले करना चाहती है। लेकिन बीजेपी अपनी अकल व भरम को सही करले, हम उसे ऐसा कतई करने नहीं देंगें। इस दौरान साहब खा पटवारी, तारीफ़ खुर्शीद जिला पार्षद , मकसूद शिकरावा, रफीक गंगवानी, मुबीन तेड, तैय्यब सरपंच खेड़ला, शाहिद पतेरिया, तौफ़ीक़ रायपुरी, नसीम बाधोली, अल्ताफ़ सिंगार, फारुख अब्दुला, समीम चंदेनी, रुक्कु रानीका, आमीन नंगली, हुककड गुलालता , अल्ताफ़ डीके, इम्तियाज सफी गुलालता, रुबबड़ सरपंच, सुबद्दी इंस्पेक्टर , हाकम सरपंच जेमत , यासीन जेमत, खुर्शीद जमालगढ़ , इस्लाम गोविंसपुर ,इमदाद सरपंच जमालगढ़, मजीद सरपंच लहरवाड़ी, दिनु सेक्रेटरी गोहेता, खुर्शीद खेड़ला, रजाक सरपंच सुनेडा, जानू सरपंच जखोपर सहित सैंकड़ों लोग मौजूद थे। Post navigation मेवात के तीनों विधायकों ने 136 वें स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं को किया संबोधित महिलाएं समाज की रीढ़ की हड्डी समान: चौधरी आफताब अहमद