महेंद्रगढ़ 14 जनवरी – मकर संक्रांति बुजुर्गों एवं गरीबों का सम्मान , दान, मीठा भोजन खाने व खिलाने तथा आपसी भाईचारे का महापर्व है। इसे देवताओं के दिन की शुरूआत भी कहा जाता है। अपने लिए तो सब जीते हैं जीना वहीं है जो औरों के काम आए।उक्त उद्गार हरियाणा के पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने मकर संक्रांति महापर्व के अवसर पर अपने निवास स्थान पर हवन यज्ञ एवं कंबल वितरित करने के बाद व्यक्त किए। प्रो. शर्मा ने कहा कि मकर संक्रांति को दान करने का बहुत महत्व है। हिन्दुस्तान गाय, गंगा, गायत्री, संस्कार, संस्कृति, मेलों, उत्सवों, अपने अभिभावको एवं वृद्धजनों की सेवा करने के कारण विश्वविख्यात है। विदेशों में ये सब बाते नहीं हैं। पश्चिमी सभ्यता एवं संस्कृति वाले देश सर्वगुण संपन्न भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को यहां आकर अपनाते हैं तथा अपना जीवन सुखी बनाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने मकर संक्रांति पर्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय धर्म-दर्शन में जहां आत्मसंयम, तप, तपस्या की बात है वहीं दान-पुण्य से समाज के जरूरतमंदों का पोषण करने का भाव निहित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की केन्द्रीय सरकार एवं प्रदेश की सरकार भी हर वक्त गरीबों सहित हर वर्ग के लोगों को खुशहाली प्रदान करने में जुटी रहती है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी विश्व के सिरमौर जनसेवक एवं नेता हैं। प्रधानमंत्री मोदी के हाथों में समूचे हिन्दुस्तान के हित पूरी तरह सुरक्षित हैं। Post navigation जिला मुख्यालय की मांग पर अनशन पर बैठक वकीलों को प्रो. रामबिलास शर्मा ने पिलाया जूस, अनशन तुड़वाया अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो हरियाणा की खट्टर सरकार का पलट देंगे तख्ता : अवतार सिंह भड़ाना