युवाओं ने भरी हुंकार, किसानों को बेबस और लाचार ना समझे सरकार

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

, देश की राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को होने वाली किसान परेड की तैयारियों के लिए दादरी में 17 जनवरी को जिले के किसान ट्रैक्टर रिहर्सल करेंगे। इस बात की घोषणा आज यहां स्वामी दयाल धाम पर विभिन्न खापों, सामाजिक, कर्मचारी, व्यापारी संगठनों के साथ  किसान यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक में की गई। किसान परेड में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए कमेटी बनाकर सभी गांवों में प्रचार करने का फैसला लिया गया।

 बैठक की अध्यक्षता करते हुए खाप फौगाट के प्रधान बलवंत नंबरदार ने कहा कि जो किसान का नहीं वो किसी का नहीं है। जो हमारे संघर्ष में साथ नहीं देगा उनका समय आने पर हिसाब लिया जाएगा। राजनेताओं को नसीहत देते हुए बलवंत नम्बरदार ने कहा कि वो आज जिस कुर्सी से चिपके हुए हैं वो किसानों की ही बदौलत है। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में अद्भुत झांकी देखने को मिलेगी। एक और किसान के जवान बेटे टैंक चलाते हुए दिखेंगे उसके साथ साथ किसानों के ट्रैक्टर चलेंगे। सरकार जितनी मर्जी  ताकत लगा ले। किसानों को कूच करने से नहीं रोक सकेगी।                 

 स्वामी दयाल धाम पर हुई इस अहम बैठक में खाप 40 सांगवान के सचिव नरसिंह डीपीई, खाप 25 श्योराण सर्वजातीय के प्रधान बिजेंद्र बेरला, इमलोटा सतगामा के प्रधान ओमप्रकाश कलकल, किसान नेता कमल सिंह मांढी, राजू मान, प्रीतम चेयरमैन, जोरावर सांगवान, सब्जी मंडी एसोसिएशन के नितिन जांघू, भाकियू लोकशक्ति के जगबीर घसोला, रणबीर फौजी, अन्नदाता यूनियन के रामकुमार कादयान, व्यापार मंडल के जयभगवान, बार एसोसिएशन के अधिवक्ता गिरेन्द्र फौगाट, फौगाट खाप के प्रवक्ता शमशेर फौगाट, रणधीर घिकाड़ा, कृष्ण फौगाट इत्यादि ने अपने विचार रखे। बैठक में सैकड़ों की संख्या में गणमान्य उपस्थित रहे और सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि किसान परेड के लिए दादरी जिले से  25 जनवरी को ही समसपुर से कूच किया जाएगा।                 

 वहीं कितलाना टोल पर किसानों का अनिश्चित कालीन धरना 18वें दिन जारी रहा। अटेला गांव से युवाओं का बड़ा जत्था मोटरसाईकिलों पर सवार हो धरना स्थल पहुंचा। जिनका दादरी से निर्दलीय विधायक व खाप 40 सांगवान के प्रधान सोमबीर सांगवान ने स्वागत किया। सोमबीर सांगवान ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करके हुंकार भरते हुए कहा कि सरकार किसानों को बेबस और लाचार ना समझे। उन्होंने कहा कि किसानों की इस वाजिब लड़ाई में सभी वर्गों के युवा डटकर साथ देंगे और तीनों काले कानून रद्द होने के बाद ही दिल्ली से लौटेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार हठधर्मिता छोड़े वर्ना इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कैमला प्रकरण में निर्दोष किसानों पर मुकदमें बनाने की कड़ी निंदा की।                  

 धरने पर मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश व धर्मेन्द्र सांगवान ने किया। इस अवसर पर प्रताप सिंहमार, राकेश आर्य, सज्जन सिंह सांगवान, मास्टर राज सिंह, बलबीर बजाड़, महेंद्र प्रजापति, सुभाष यादव, रामकिशन हालुवासिया, प्रेम सिंह, मास्टर ओमप्रकाश, राजकुमार दलाल, मूर्ति देवी, राजेश झोझू, बीरमति, माया, कृष्णा सांगवान, कमलेश, रणबीर पूर्व सरपंच, चांद बेग, नरेंद्र नाथुवास, सज्जन सिंगला, मनोज, पूर्व सरपंच सूबे सिंह यादव, संतुराम, इन्द्रजीत सांगवान, रत्तन सिंह, रविन्द्र घिकाड़ा इत्यादि मौजूद थे।

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