मुख्यमंत्री के गृह जिले में किसान महापंचायत को नहीं मिला किसानों का ही समर्थन- सांसद सुशील गुप्ताकिसानों के मुद्दे पर तुरंत बुलाया जाए विधानसभा सत्र, सरकार विश्वासमत हासिल करे- सांसद सुशील गुप्ता चरखी दादरी, जयवीर फोगाट आम आदमी पार्टी हरियाणा के सह प्रभारी व राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार प्रदेश की जनता का विश्वास पूरी तरह से खो चुकी है। रविवार को करनाल के गांव कैमला में किसानों द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल की किसान महापंचायत का विरोध इसी की एक और तस्वीर है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हरियाणा सरकार द्वारा पंचायतों में राइट टू रिकॉल का प्रावधान किया गया है, उसी तरह से यदि मौजूदा परिस्थितियों में भाजपा-जजपा सरकार पर राइट टू रिकॉल अपनाया जाए, तो यह सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आएगी। उन्होंने किसानों के मुद्दे पर तुरंत प्रभाव से विधानसभा का सत्र बुलाने और सरकार से विश्वास मत हासिल करने की मांग की है। हरियाणा के सह प्रभारी व राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता व किसान सेल मध्य जोन के संयोजक राकेश चांदवास ने यहां जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा कृषि कानूनों को लेकर प्रदेशवासियों को गुमराह करने के लिए करनाल के गांव कैमला में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया था। परंतु इस महापंचायत को किसानों का ही समर्थन नहीं मिला। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह जिले में ही किसानों का समर्थन सरकार को नहीं मिल रहा है। यदि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह जिले में ही यह हाल है तो प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में इस सरकार के खिलाफ पनपे विरोध का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। इस सरकार की सियासी जमीन पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। सरकार में शामिल विधायक इस सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं और इस सरकार में शामिल विधायक भी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। तुरंत प्रभाव से विधानसभा का सत्र बुलाया जाए और सरकार विश्वास मत हासिल करे। उन्होंने एक बार फिर सरकार में शामिल विधायकों से अपील करते हुए कहा कि विधायक अपनी अंतरात्मा की आवाज को सुनते हुए इस जनविरोधी सरकार का साथ छोड़ें, नहीं तो प्रदेशवासी उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। सांसद गुप्ता ने कहा कि सरकार कृषि विरोधी काले कानून खत्म करने की बजाय लगातार बातचीत के नाम पर दिखावा और ढोंग कर रही है। सरकार किसानों को तारीख पर तारीख दे रही है। 46 दिन से लाखों अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर काले कानून खत्म करने की गुहार लगा रहे हैं। इस कड़कड़ाती ठंड-बारिश में 60 से अधिक किसानों ने अपना बलिदान दे दिया है। लेकिन सरकार अंधी, गूंगी और बहरी बनी हुई है। भाजपा सरकार द्वारा किसानों की आवाज दबाने के लिए किसानों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। किसानों पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। भाजपा सरकार के रवैये से किसानों के सब्र का बांध टूट रहा है। आम आदमी पार्टी किसानों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। हर स्तर पर किसानों की आवाज आप पार्टी द्वारा उठाई जा रही है। सांसद गुप्ता ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार अपने पूंजीपति साथियों की चिंता छोड़कर कृषि विरोधी काले कानूनों को तुरंत प्रभाव से निरस्त करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाए। Post navigation सर्व कर्मचारी संघ उतरा किसानों के समर्थन में भाजपा व जजपा नेताओं का गांव में किया जाएगा बहिष्कार: जोगेन्द्र तालु