ग्रामीण गर्भवती महिलाओं के लिए रहा एक नया अनुभव.
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत  अभियान.
ईसंजीवनी नोडल ऑफीसर ईशा नारंग ने किया मार्गदर्शन

फतह सिंह उजाला

पटौदी । अपने मोबाइल फोन पर डॉक्टर से रूबरू होकर बात करना महिलाओं के लिए एक नया अनुभव रहा । खासतौर से ग्रामीण गर्भवती महिलाओं को मोबाइल फोन पर ही अपने गर्भकाल और देखभाल सहित अन्य शंकाओं के समाधान के संदर्भ में विभिन्न विशेषज्ञ डॉक्टरों से बात करने का मौका मिला। सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव के नेतृत्व में और जिला ईसंजीवनी नोडल ऑफिसर डॉक्टर ईशा नारंग के मार्गदर्शन में शनिवार को एक विशेष अभियान के तहत ईसंजीवनी ऐप अथवा पोर्टल पर खासतौर से ग्रामीण  गर्भवती महिलाओं को जानकारी देते हुए जागरूक किया गया ।

कई ग्रामीण गर्भवती महिलाओं के लिए ईसंजीवनी एप के माध्यम से विभिन्न डॉक्टरों के द्वारा रूबरू होकर बात किए जाने पर एक नया ही अनुभव रहा है । विभिन्न ग्रामीण गर्भवती महिलाओं ने मोबाइल पर ईसंजीवनी ऐप के माध्यम से अपनी समस्या और शंकाओं के संदर्भ में बात भी की और सुरक्षित प्रसव के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के द्वारा दिशा निर्देश भी दिए गए।

ईसंजीवनी जिला नोडल ऑफिसर डॉक्टर ईशा नारंग ने बताया कि ईसंजीवनी एप वास्तव में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे अधिक उपयोगी साबित हो रहा है । प्रत्येक माह की 9 तारीख को विभिन्न पीएचसी और सीएचसी में गर्भवती महिलाओं को अपनी जांच करवाने के लिए आना पड़ता है । कई बार ऐसे हालात भी होते हैं कि गर्भवती महिलाएं नहीं पहुंच पाती हैं । ऐसी स्थिति में ईसंजीवनी है, सभी गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद उपयोगी साबित और सहयोगी साबित हो रहा है।  पीएमएसएमए के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था के दूसरी व तीसरी तिमाही की अवधि के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं का न्यूनतम पैकेज भी प्रदान किया जाता है ।

ईसंजीवनी ऐप के साथ-साथ पीएमएसएमई कार्यक्रम की अब जैसे-जैसे जानकारी मिल रही है , वैसे-वैसे इसका गर्भवती महिलाएं ही नहीं अन्य रोगों से पीड़ित कोई भी व्यक्ति ईसंजीवनी एप पर गए निर्देशों के मुताबिक घर बैठे ही अपना उपचार करवा सकते हैं। उन्होने बताया कि किसी बीमारी से पीड़ित हैं या फिर गर्भवती महिला हैं तो थोड़ी बहुत तकलीफ होने पर उपचार के लिए अब नागरिक अस्पताल आने की जरूरत नहीं है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने उपमंडल में ई-संजीवनी ओपीडी शुरू की गई है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ई-संजीवनी ओपीडी शुरू हो चुकी है। इसके माध्यम से नागरिक घर बैठे ही सोमवार से शनिवार तक सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तथा शाम 3 से 5 बजे तक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं या फिर गर्भवती महिला हैं तो आपको थोड़ी बहुत तकलीफ होने पर उपचार के लिए अब नागरिक अस्पताल आने की जरूरत नहीं है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने उपमंडल में ई-संजीवनी ओपीडी शुरू की है। ई-संजीवनी ऐप के माध्यम से घर बैठे ही संबंधित बीमारी के बारे में डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं।

इसके लिए मरीज को अपने एंड्राइड फोन पर ई-संजीवनी ऐप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद ऐप पर ही अपने मोबाइल नंबर का रजिस्ट्रेशन कर अपनी तकलीफ बतानी होगी। इस सेवा का लाभ लेने के लिए नागरिकों को अपने स्मार्ट फोन से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके बाद विडियो कॉलिंग या वेब कैमरे के जरिये रोगी से चिकित्सक बात करके उचित दवाई बताएंगे। मरीजों के लिए यह सुविधा हर सोमवार से शनिवार को सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तथा 3 से शाम 5 बजे तक रहेगी।

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