Haryana Chief Minister, Mr. Manohar Lal addressing a press conference at Chandigarh on December 31, 2020.

चंडीगढ़,1 जनवरी 2021 – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आंदोलनरत किसानों और केंद्र सरकार के बीच 4 जनवरी 2021 को होने वाली अगली बैठक निश्चित रूप से सकारात्मक रहेगी। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हाल ही में हुई बैठक सकारात्मक रही और उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकलेगा।

          मुख्यमंत्री 31 दिसंबर को आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।         

 इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों से आंदोलन को खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि किसान को इस ठंड के मौसम में अपने घरों को लौट जाएं। हम किसानों को अपना मानते हैं और उनके हितों के प्रति हमेशा सहानुभूति रखते रहे हैं। आपसी बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने की दिशा में काफी प्रयास किया जा रहा है।         

 कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि इन सभी ने अपने स्वार्थ को पूरा करने व राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए नए कृषि कानूनों के बारे में किसानों को उकसाया है। उन्होंने कहा कि हालांकि निर्दोष किसानों को गुमराह करने की पूरी कोशिश की गई है, लेकिन जल्द ही जब यह मुद्दा हल होगा तो इन नेताओं को भी जवाब मिल जाएगा जैसे उन्हें नगर निगम, परिषद और पालिकाओं के चुनाव के परिणाम में जवाब मिला है।

 श्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले छह वर्षों में किसानों के हित में जितनी योजनाएं चलाई गई, उतनी किसी भी अन्य राज्य द्वारा नहीं चलाई गई होंगी, चाहे वह एमएसपी पर बाजरा, मक्का, मूंगफली, मूंग की खरीद करना हो, भावांतर भरपाई योजना का कार्यान्वयन हो। उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं।          

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हरियाणा में बाजरा की खरीद 2150 रुपये प्रति क्विंटल की थी, जबकि राजस्थान सरकार ने 1200 और 1300 रुपये प्रति क्विंटल रुपये में खरीद की थी। मुख्यमंत्री ने नए कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा कि यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म हुआ तो वह राजनीति छोड़ देंगे।        

  जल संरक्षण के संबंध में एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, अब तक लगभग 80,000 एकड़ भूमि को फसल विविधीकरण के लिए सत्यापित किया गया है और खुशी है कि किसानों ने फसल विविधीकरण योजना को सकारात्मक रूप से अपनाया है। इस योजना के तहत किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने के लिए 7 हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगे, जिसमें से किसानों को बुआई के समय 2000 रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं। सत्यापन के बाद 5000 रुपये दिए जा रहे हैं।          

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक नहर में पानी के समान वितरण के लिए 4 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और 293 टेलों तक पानी पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि पानी की कमी वाले क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए पहले ही पानी की कमी वाले क्षेत्रों में सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं के साथ-साथ प्रदेश में विभिन्न नहरों पर वॉटरकॉर्स  के कार्यों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (काडा) को माइक्रो इरिगेशन एंड कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (मिकाडा) के रूप में पुनर्गठित और पुन: पदनामित करने का निर्णय लिया गया है।         

 इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी. एस. ढेसी, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव श्री अमित अग्रवाल और श्रीमती आशिमा बराड़, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री पी. सी. मीणा  उपस्थित थे।

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