युवाओं ने हुकांर भरते हुए कहा कि अब यहंा और बैठना बेेकार.
एक माह से केंद्र की सरकार के कानो पर जूं तक नही रेंगी.
मोर्चा का आदेश हो तो बैरिगेट एक युवा ही उखाडने में सक्षम

फतह सिंह उजाला

गुरूग्राम/पटौदी। कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली-बोम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग अहीरवाल लंदन रेवाड़ी के बावल  के जयसिंहपुर खेडा बोर्डर पर आंदोलनकारियों में शहीद भगतसिंह की तरह उबाल खाता नजर आ रहा है। प्रतिदिन की भांति बुधवार को पंजाब से एसफआई के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव व समाजसेवी लक्खा सिंघाना, युआईकॉन राकेश फगेडिया के साथ सैकड़ो की संख्या में युवाओं ने हुकांर भरते हुए कहा कि यहंा बैठना बेेकार है । एक माह से केंद्र सरकार के कानो पर जूं तक नही रेंगी। यदि संयुक्त मोर्चा का आहवान हो तो बैरिगेट को एक युवा ही उखाडने में सक्षम है । ओजस्वी भाषण के बीचबचाव में संयुक्त मोर्चा के नेता योंगेंद्र यादव ने खेडा बैरियल मोर्चे पर बैठे राजाराम मील, रामपाल जाट अमराराम, बलबीर छिल्लर आदि शीर्ष के नेताओं के द्वारा दिए गए सामूहिक निर्णय के अनुसार मंच पर मोर्चा संभालते हुए योगेंद्र यादव ने युवाओं को संयम बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि आंदोलन शिखर पर है सरकार से वार्तालाप जारी है। सयंम व अनुशासन बनाए रखने के साथ साथ अलग-अलग बोर्डरों पर उपस्थित शीर्ष के किसान नेताओं के द्वारा जो भी आदेश होगा वह फरमान सार्वजनिक रूप से रखा जाएगा ।

बीते 18 दिनों से दिल्ली आने- जाने के राष्ट्रीय राजमार्ग को हरियाणा पुलिस द्वारा भारी भरकम बैरिगेट, वाटर कैनन के साथ राजस्थान जिला अलवर के साजापुर सीमा पर रोके जाने पर हजारों की संख्या में किसानों ने टेंट लगाकर कडकडाती ठंड मे ंकृषि बिलों को निरस्त करने व उनकी मांगों को केंद्र सरकार द्वारा माने जाने को लेकरचले आ रहे आंदोलन में जहां भारी मात्रा में प्रतिदिन हरियाणा, राजस्थान, गुजरात महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश के हजारों की संख्या में लगभग चार से पांच किलो मीटर की दूरी में हाईवे के दोनों साईडों पर जमावडा कडकडाती ठंड में बढता जा रहा है ।

किारन नेताओं ने कहा कि संयुक्त मोर्चा के द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार आंदोलन अहिंसावादी शांतिपूर्ण ढंग से चलाया जा रहा है , ऐसा ना हो छोटी सी गलती आंदोलन की राह में रोडा बनकर खडी हो जाए ।  वर्तमान सरकार को हाईकोर्ट ने फटकार लगाई कि नागरिकों का अधिकार है कि वे अंादोलन करें । सरकारों को चाहिए कि वे उनके बीच में अडंगा ना बने ।  योगेंद्र यादव ने युवा शक्तियों को संयम बरतने व इससे पूर्व गुरनाम सिह चिडूनी ने भी खेडा बोर्डर पर पंहुचकर युवाओं को आगामी आदेशों के इंतजार करने व संयम बनाने का आग्रह किया जा चुका है ।

बोर्डर पर उपस्थित अमराराम, योगेंद्र यादव, सरकार राजू सिंह, रामपाल जाट, राजाराम मील लगातार अपने मोबाईलों से आगामी आदेशों व वार्तालाप पर टकटकी जमाए हुए है लेकिन समाचार लिखे जाने तक वार्तालाप जारी रही । तीन दिवसीय अनशन पर राष्ट्रीय किसान महासभा के अध्यक्ष जाट नेता रामपाल जाट द्वारा अनशन को सांय पांच बजे समाप्त करते हुए कहा कि उनका तीन दिवसीय उपवास व 11 सदस्यों द्वारा चले आ रहे क्रमिक अनशन व उपवास देश में सुख समृद्धि पैदा करने आंदोलन को अंहिसावादी रूप बनाए रखने के लिए किया गया है । जिससे सरकार कटुता और जिद वाली भाषा बोलना बंद रहे  । सरकार की संवेदनशीलता को जानने के लिए ही उपवास रखा है । उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि संयुक्त मोर्चा द्वारा रखे गए चार मुख्य प्वाईटों पर सरकार अपना रूख नरम नही रखती है तो किसान सडक से अपने घर नही लौटेंगे यह सभी किसानों का मानना है ।

बुधवार को अनशन पर भारतीय किसान महापंचायत की जिला अध्यक्ष मीनाक्षी मीणा, राधेश्याम शुकलावास, रणसिंह प्रजापत राजगढ, हंसर ाज गौस्वामी चूरू, प्रमिला साहरण कैथल, सरदार गुरदेव सिंह, करण पुर नत्थू राम सैनी, झूंझनू, महाबीर प्रसाद सीकर, शिवनाथ महला, भोजराज रतालिया, लक्ष्मणगढ, रामलाल खचिड, किरडोली खिचड, रामलाल लक्ष्मण गढ, बबलेश कुमार झूंझनू क्रमिक अनशन पर रही  ।

बुधवार को मुख्य वक्ताओं में जयपुर अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ जोनल सैकेट्री रघुराज प्रयाग, जीएन घसिया, घासीराम चैधरी, बने सिंह चैधरी, रामकेश आदिवासी, श्रीमती सहिमा खान बिहार, प्रोफेसर जिया राम, अमराराम, मनोज कुमार, रामनिवास कूपरा बिकानेर, लक्खा सिंह सिंघाना, सहित अनेंको वक्ताओं ने अपने किसान विरोधी विचार रखे व गगन चुंबी नारे लगाकर सरकार को खूब फटकार लगाई। मंच का संचालन डॉ संजय माधव राजू शाहू, राजकुमार श्री गंगा नगर, आनंद यादव साणोली ने संयुक्त रूप से किया । इसी क्रम में दिल्ली-जयपुर हाईवे के बनीपुर चैक पर बावल-84 के द्वारा जारी तीन कृषि कानूनो को लेकर धरना जारी रहा । शीर्ष के भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टीकैत व हरियाणवी गायक कलाकार 31 दिसम्बर को दोपहर 12 बजे केंद्र सरकार द्वारा बिना किसानों की मर्जी के लागू किए गए किसान बिल का विरोध में किसानों को अपने विचारों से जोश भरेंगे ।

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