केंद्र सरकार को ड्रामा बाजी करने की बजाए तीन काले कृषि कानून को तुरंत वापिस लेना चाहिए – बजरंग गर्ग
तीन कृषि कानून से किसान अपनी ही जमीन पर मजदूर बनकर रह जाएगा – बजरंग गर्ग
केंद्र सरकार विदेशों की तर्ज पर सैकड़ों-हजारों एकड़ जमीन पर बड़ी-बड़ी कंपनियों के माध्यम से खेती करवा कर किसानों को बर्बाद करना चाहती है – बजरंग गर्ग
किसान आंदोलन में व्यापारी, कर्मचारी, मजदूर व देश की आम जनता किसानों के साथ है – बजरंग गर्ग

पंचकुला – अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने व्यापार मंडल कार्यालय सैक्टर 20 में व्यापारी प्रतिनिधियों से बातचीत करने के उपरान्त चंडी मंदिर टोल पर किसानों के अन्दोलन को सर्मथन देने पहुचे उपस्थित किसान व व्यापारी नेतओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि केंद्र व हरियाणा सरकार को ड्रामा बाजी करने की बजाए तीन कृषि कानून को किसान, आढ़ती व आम जनता के हित में तुरंत वापिस लेने चाहिए क्योंकि तीन कृषि कानून में एक भी कानून किसान व आढ़ती के हित में नहीं है जबकि छोटे-छोटे किसान अपनी ही जमीन में मजदूर बनकर रह जाएगा।

राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार विदेशों के तर्ज पर भारत देश में खेती करवाना चाहती है जबकि विदेशों में जो खेती हो रही है वहां पर हजारों एकड़ जमीन पर मशीन द्वारा खेती की जा रही है जो भारत में संभव नहीं है क्योंकि देश व प्रदेश में 2 एकड़ से 5 एकड़ तक के 90 प्रतिशत किसान है वह कैसे मशीनों द्वारा अपनी खेती करके खर्चा निकाल पाएंगे इसीलिए केंद्र सरकार ने किसान की जमीन पर कब्जा करवाने के लिए अंबानी व अडानी जैसे बड़ी-बड़ी कंपनियों को खेती का व्यापार करने के लिए यह कृषि कानून बनाया है ताकि अंबानी व अडानी जैसे बड़े-बड़े लोग किसानों की जमीन मोल लेकर व ठेके पर लेकर किसानों की जमीनों पर काबिज हो सके। इससे किसान बर्बाद होगा और बड़ी-बड़ी कंपनियां खेती के व्यापार में भारी मुनाफा कमा कर खुदरा व्यापार की तरह खेती के काम पर भी अपना कब्जा कर लेंगे। इससे देश में पहले से कई गुना महंगाई व बेरोजगारी बढ़ेगी। देश के गरीब लोगों को रोटी, दाल खाना भी मुश्किल हो जाएगा।

राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार तीन काले कृषि कानून को वापिस लेने की बजाए शांतिप्रिय किसान आंदोलन को कुचलने के लिए किसानों को खालिस्तानी व टुकड़े टुकड़े गैंग कह कर किसानों का अपमान कर रही है जो निंदनीय है। जबकि केंद्र व हरियाणा सरकार द्वारा आंदोलन को विफल करने तमाम प्रयासों के बावजूद भी 31 दिनों से आंदोलन को बड़ा भारी समर्थन मिल रहा है और आंदोलन पहले से ज्यादा तेजी से बढ़ता जा रहा है। किसान आंदोलन में किसान ही नहीं पूरे देश व प्रदेश का व्यापारी, आढ़ती, मजदूर, कर्मचारी व आम जनता साथ है आज जिस प्रकार देश का अन्नदाता के साथ केंद्र व प्रदेश सरकार ज्यादति कर रही है। देश के इतिहास में आज तक किसानों के साथ इस प्रकार की ज्यादति किसी भी सरकार में नहीं हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की नहीं बड़े बड़े घरानों की चिंता है इसलिए बड़े बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार तीन काले कृषि कानून लाकर किसानों को नुकसान पहुंचाना चाहती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने की बजाए किसानों के हित में किसान व आढ़तियों की समस्या का जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए। इस मौके पर व्रूापार मंडल प्रदेश सचिव निरज गोयल, सहसचिव अनिल गोयल, युवा व्यापार मंडल प्रदेश प्रभारी राहुल गर्ग, प्रधान बोबी सिंह, सचिव कृष्ण कुमार, सलाहकार मनोज अग्रवाल, प्रैस सचिव रोहित शर्मा, कार्यकारणी सदस्य विवेक सिंगला, आशिष वालिया, नितेश हाण्डा, सुमित मित्तल आदि व्यापारी प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।

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