भिवानी/शशी कौशिक

कांग्रेस नेत्री सविता मान ने ग्रामीण इलाकों में बिजली दरों में बढ़ोतरी और बिजली उपभोक्ताओं पर रेड राज के लिए प्रदेश सरकार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने प्रदेश सरकार से ग्रामीण उपभोक्ताओं पर लगाए गए 2 प्रतिशत पंचायत टैक्स को तुरंत  प्रभाव से वापस लेने की मांग की है।

सविता मान ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच प्रदेश के लोग पहले ही गिरते व्यापार, घटती आमदनी और बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी से परेशान हैं, लेकिन प्रदेश की जनविरोधी  भाजपा-जजपा सरकार आम जनता को परेशान करने केनित रोज नए तरीके ढूंढ रही है। उन्होंने कहा कि पंचायतों का नाम लेकर जो दो प्रतिशत टैक्स गांवों के उपभोक्ताओं पर लगाई गई है, वह जनता के उपर बज्रपात के समान है और इससे प्रदेश की जनता पर 125 करोड़ रूपए का बोझ पड़ेगा। जिसे किसी भी किमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पंचायतों को सहयोग करना सरकार की जिम्मेदारी है और पंचायतों के नाम पर टैक्स लगाकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती।

प्रदेश के विभिन्न इलाकों में बिजली कमी की शिकायतों का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने एक तरफ तो प्रदेश के बिजली कारखाने बंद कर रखे हैं, वहीं बिजली में बड़े-बड़े अघोषित कट लगाए जा रहे हैं। जिन गांवों में 24 घंटे बिजली देने की घोषणा की गई थी, उन गांवों में भी केवल  10 से 12 घंटे बिजली दिए जाने की शिकायतें आम हैं। सरकार द्वारा किए गए बड़े-बड़े दावे खोखले साबित हो रहे हैं। बिजली  उपभोक्ताओं को छापेमारी  के नाम पर परेशान करने का हवाला देते हुए  सुरजेवाला ने कहा कि  प्रदेश सरकार ने आम बिजली  उपभोक्ताओं को परेशान करने के लिए बिजली अधिकारों को आम परिवारों, किसानों, दुकानदारोंऔर व्यवसायियों के घरों और व्यवसायिक  संस्थाओं पर छापेमारी करने के लिए  बड़े-बड़े टारगेट दिए हुए  हैं, जिसके दबाव में बिजली  उपभोक्ताओं से अनुचित  जुर्माने और अवैध  वसूली के रूप में बड़ी-बड़ी  रकमें ली जा रही हैं।  

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