रामबास गांव के किसानों ने सामूहिक उपवास रख किया प्रदर्शन चरखी दादरी जयवीर फोगाट ,किसान अपनी जायज बातों को लेकर 28 दिन से दिल्ली के चारों तरफ धरना देने को मजबूर हैं पर सरकार उन्हें बेबस और लाचार ना समझे क्योंकि ये आंदोलन अब जनांदोलन बन गया है। यह बात किसान नेता राजू मान ने उपमंडल के गांव रामबास में संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में किसान दिवस के मौके पर बुजुर्ग किसान रामधन की अध्यक्षता में आयोजित आधे दिन के सामूहिक उपवास पर उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भयंकर ठंड के बावजूद किसान अपने भविष्य को अंधकार में देख लड़ाई लड़ रहे हैं और सरकार इतनी निष्ठुर बनी हुई है कि बात करने में भी हिचकिचा रही है। हकीकत ये है कि किसान कुछ मांग नहीं रहे बल्कि जबरदस्ती थोपे गए तीनों कृषि कानून रद्द करने की कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को विफल करने के लिए भाजपा ने कई योजनाएं गढ़ी। कभी अपने बड़बोले मंत्रियों को आगे किया जिन्होंने आंदोलन के पीछे विदेश का हाथ बताया तो कभी एसवाईएल के नाम पर किसानों को बांटने का षड्यंत्र रचा। उन्होंने कहा कि हर वर्ग भाजपा की चालों को समझ गया है। भारत बंद की अभूतपूर्व कामयाबी के बाद बड़े धरने प्रदर्शनों ने यह साबित कर दिखाया है। मान ने कहा कि विगत चार दिन की घटनाओं से सरकार को सबक लेना चाहिए। भाजपा ने जो उपवास कार्यक्रम रखे उसमें किसानों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा। भाजपा नेताओं को कहीं भागकर पिंड छुड़वाना पड़ा तो कहीं ताले भीतर उपवास रखना पड़ा। अंबाला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को जहां हजारों किसानों ने घेरा वहीं बहल में कृषि मंत्री का उनकी बैठक के बाहर किसानों ने पुतला जला अपना विरोध जताया। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून किसी भी दृष्टि से किसान के हक में नहीं हैं। इससे मंडी व्यवस्था चरमरा जाएगी और किसान बड़ी कंपनियों का दास बनकर रह जाएगा। मंडी बंद होने के बाद गरीबों को सस्ते दाम पर अनाज मिलने वाली स्कीमें नहीं रहेंगी। सब इस बात को जान गए हैं। इसलिए पूरे देश के किसान लामबंद हो गए हैं और आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में तीन दर्जन से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हठधर्मिता छोड़ तुरंत किसानों की मांगें पूरी करनी चाहिए। धरने पर किसानों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इस मौके पर सरपंच मेवा सिंह, हीरालाल, पृथ्वी सिंह लाम्बा, कश्मीर सिंह, अमीर सिंह, कपूर सिंह, नफे सिंह, सतबीर, सुनील, रामकुमार, विकास, प्रदीप, राजकरण, सुरेन्द्र, रविन्द्र, पवन, करतार, सतीश, राजबीर, विजेंद्र, धर्मबीर, विनोद, भोलू, रोहताश, दीपक, प्रवीण, रामनिवास, राजेन्द्र, जयपाल, बबलू, साहिल, नरेश, धोलिया इत्यादि मौजूद थे। Post navigation सीबीएलयू और हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के बीच कौशल विकास को लेकर एमओयू घर में बच्चे दो ही अच्छे नीति कर देगी सामाजिक बंधन कच्चे