– सरकार उपवास थोड़ी करती है, सरकार फैसला लागू करती है– भाजपा की नीति हमेशा ही लोगों को आपस में लड़ा कर उन्हें कमजोर करने की रही है– लॉकडाऊन में जब देश की जीडीपी गिर गई थी तब केवलमात्र किसान ही था जिसने जीडीपी को जिंदा रखा – असल मायने में एसवाईएल को लेकर चौधरी देवी लाल ने पहले प्रयास किए, उसके बाद कोर्ट में मामला जाने के बाद ओम प्रकाश चौटाला ने प्रयास किए और हरियाणा के हक में फैसला आया– इनेलो पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करवाने के लिए 2016 से लेकर 2018 तक पूरे प्रदेश में धरने-प्रदर्शन और जेल भरो आंदोलन किए और प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिए, फिर भी भाजपा ने एसवाईएल पर कोई सुध नहीं ली– पहले ये कपड़े उतार कर प्रदर्शन करते थे लेकिन जब वो कृषि मंत्री थे तब एक दिन भी विधान सभा में एसवाईएल का जिक्र नहीं किया चंडीगढ़, 22 दिसंबर: इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित निवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के गलत निर्णयों के कारण आज किसान अपने हकों के लिए आंदोलन करने पर मजबूर है। भाजपा सरकार कैसे हरियाणा और पंजाब के लोगों की एकता में मतभेद पैदा किए जाए और कैसे छोटे और बड़े भाई को लड़ाया जाए, उसके लिए एक दिन का उपवास रखती है, ये उपवास नहीं ये बकवास है। 2016 में सुप्रीम कोर्ट के हरियाणा के पक्ष में निर्णय आने के बाद एसवाईएल के निर्माण लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सभी दलों के लोग राष्ट्रपति से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा लेकिन आज पांच साल से ऊपर का समय हो गया है, अभी तक प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री ने मिलने तक का समय नहीं दिया है। इनेलो नेता ने कहा कि अगर भाजपा सरकार को एसवाईएल नहर की चिंता होती तो अब तक नहर का निर्माण करवा दिया होता। उन्होंने कहा कि सरकार उपवास थोड़ी करती है, सरकार फैसला लागू करती है। आज भी अगर मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर गंभीर हैं तो जल्द से जल्द विधान सभा का सत्र बुला कर दो लाइन का प्रस्ताव केंद्र की सरकार को भेज कर मांग करे कि केंद्र की एजेंसी द्वारा एसवाईएल नहर का निर्माण किया जाए। भाजपा की हमेशा लोगों को आपस में लड़ा कर उन्हें कमजोर करने की नीति रही है जिसके तहत आज भी आपसी विवाद पैदा कर लोगों का ध्यान बांटना चाहती है ताकि किसानों के आंदोलन को कमजोर किया जा सके। अगर मुख्यमंत्री को पानी की चिंता होती तो दादूपुर नलवी नहर, जिस पर प्रदेश के 350 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, उसे बंद करने के बजाय थोड़ा पैसा और खर्च करके प्रदेश के तीन जिलों को आत्मनिर्भर बना सकते थे। इनेलो नेता ने कहा कि असल मायने में एसवाईएल को लेकर चौधरी देवी लाल ने पहले प्रयास किए उसके बाद कोर्ट में मामला जाने के बाद ओम प्रकाश चौटाला ने प्रयास किए और हरियाणा के हक में फैसला आया लेकिन उस समय की पंजाब में कांग्रेस की सरकार ने विधान सभा में बिल लाकर सभी पानी के समझौते रद्द करके राष्ट्रपति को भेज दिए थे। उन्होंने कहा कि इनेलो पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करवाने के लिए 2016 से लेकर 2018 तक पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन और जेल भरो आंदोलन किए और प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिए लेकिन तब भाजपा ने एसवाईएल पर कोई सुध नहीं ली। पत्रकार वार्ता के दौरान उनका इस्तीफा देने के सवाल का जवाब देते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि उनकी रगों में चौधरी देवी लाल का खून है, अगर आप सभी पत्रकार एक स्वर में इस्तीफा देने के लिए कहो और उससे किसान आंदोलन को मजबूती मिलती है तो अभी विधान सभा जा कर इस्तीफा दे दूंगा। भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह द्वारा किसान आंदोलन को समर्थन दिए जाने के सवाल पर कहा कि परमात्मा ने उनको सद्बुद्धी दी है, हम उनके फैसले का स्वागत करते हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा विपक्ष पर दिए गए बयान पर पूछे गए सवाल पर कहा कि पहले ये कपड़े उतार कर प्रदर्शन करते थे लेकिन जब वो कृषि मंत्री थे, तब एक दिन भी विधान सभा में एसवाईएल का जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा कि लॉकडाऊन में जब देश की जीडीपी गिर गई थी तब केवलमात्र किसान ही था जिसने जीडीपी को जिंदा रखा और देश को खुशहाल बनाए रखा। इनेलो पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता इस आंदोलन में किसानों के साथ धरने पर कंधे से कंधा मिला कर लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब किसान और ज्यादा मजबूत होकर भारी संख्या में आंदोलन में भाग लेंगे और केंद्र सरकार को लाए गए तीनों काले कानूनों को वापिस लेने पर मजबूर होना पड़ेगा। Post navigation ‘छात्र बस पास’ किरायों में 47 प्रतिशत वृद्धि, वापस हो : सुरजेवाला हरियाणा पुलिस का नशा तस्करों व अवैध शराब कारोबारियों पर लगातार कार्रवाई, 5 मामलों में 8 आरोपी किए काबू