जो किसानों को नहीं वो किसी का नही है: जेपी दलाल

कहा: विपक्ष को राजनीति करने की बजाय एसवाईएल के पानी के लिए एकजुट सरकार के साथ आना चाहिए

भिवानी/मुकेश वत्स  

हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि विपक्ष को किसान के नाम राजनीति करने की बजाय एसवाईएल के पानी के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा पंजाब के नेताओं ने एककुट होकर गैर कानूनी ढंग से विधानसभा में कानून पास कर हरियाणा के हिस्से का पानी रोका, हमें भी अपने हित के लिए बिना की राजनीति के सर्वदलीय बैठक कर एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने हक के लिए कभी भी आवाज उठाई जा सकती है और यह सही समय है। उन्होंने कहा कि एसवाईएल किसान ही नहीं प्रदेश के सभी लोगों की जीवन रेखा है। अपने हिस्से का पानी मांगना कोई गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि जो किसानों को नहीं वो किसी का नहीं है।

कृषि मंत्री दलाल आज रविवार को अपने निवास पर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों के लिए बनाए गए तीनों बिलों को लेकर किसानों में भ्रांतियां फैलाई जा रही है, जबकि हकीकत यह है कि पहले की तुलना मंडियों में खरीद हुई है। उन्होंने बताया कि मंडियों में गेहंू, सरसों व बाजरा की रिकार्ड खरीद हुई और उसी की बदौलत सरसों को एमएसपी से भी अधिक बाजार भाव मिले हैं। उन्होंने कहा कि पानी के समान बंटवारे की बात करना गलत नहीं है, लेकिन इसमें किसान को आगे लाकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सालों पहले दक्षिण हरियाणा में विशेषकर लोहारू-बाढड़ा क्षेत्र में नहरों व माईनरों की टेलों तक पानी आता था। उसके बाद अब भाजपा शासनकाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की समान बंटवारे की नीति से ही फिर से लोहारू की नहरों में अंतिम छोर तक पानी पहुंचा है। इससे यहां पर अधिक पैदावार हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल  के दौरान बीबीएमबी की अनुमति के बिना ही 500 करोड़ रुपए से हांसी-बुटाना लिंक नहर बना डाली, जिससे जनता के पैसे की बर्बादी हुई है, जबकि नहर के निर्माण से पहले बीबीएमबी के राज्यों से अनुमति लेनी जरूरी  होती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने योजनाबद्ध ढंग से रेणूका व किसाऊ डैम पर कार्य किया है और जिससे किसानों को सिंचाई का पानी मिलेगा।

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