शनिवार को खिली चटक धूप के कारण भाजपाई को मिली राहत. एक सुर में बोले पानी आने से प्रदेश का विकास तेजी से होगा फतह सिंह उजालागुरूग्राम। कृषि कानून रद्द किये जाने के किसान आंदोलन के समानान्तर , हरियाणा भाजपा के द्वारा सतलुज-यमुना-लिंक (एसवाइएल) के पानी की मांग को लेकर शनिवार को एक दिवसीय उपवास का लंगर डाला गया। कड़ाके की सर्दी के बीच शनिवार को खिली चटक धूप के कारण भाजपाई को बड़ी राहत भी मिली। भाजपा जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ की अध्यक्षता में उपवास में पार्टी नेता व कार्यकर्ता काफी संख्या मेंए शामिल हुए। एक दिवसीय उपवास के मौके पर पूर्व सांसद डा. सुधा यादव ने कहा कि एसवाइएल का पानी हरियाणा को हर हालत में मिलना ही चाहिए। वर्षों से यह मांग की जा रही है। अब हरियाणा के लोग पानी लेकर ही रहेंगे। पानी आने से प्रदेश का विकास काफी तेजी से होगा। पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि एसवाइएल के पानी की मांग को लेकर लगातार आंदोलन चलाने की आवश्यकता है। एसवाइएल के पानी पर हरियाणा के लोगों का अधिकार है। अपने अधिकार के लिए हर स्तर पर संघर्ष किया जाएगा। गुरूग्राम के विधायक , पटौदी के विधायक एडवाकेट सत्यप्रकाश जरावता, सोहना से विधायक संजय सिंह, भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मनीष यादव, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष समय सिंह भाटी ने भी अपने विचार रखे। मंच संचालन भाजपा जिला महामंत्री महेश यादव एवं मनीष गाडौली ने संयुक्त रूप से किया। उपवास में गुरूग्राम नगर निगम की मेयर मधु अशोक आजाद, डिप्टी मेयर सुनीता यादव, जिला परिषद के चेयरमैन कल्याण सिंह चैहान, पूर्व मेयर विमल यादव, प्रो. हंसराज यादव के अलावा भाजपा जिला उपाध्यक्ष अनिल यादव, राजेश अरोड़ा, मनोज शर्मा, पूर्व प्रदेश सचिव मुकेश शर्मा (पहलवान), अरुण माहेश्वरी, तिलकराज मल्होत्रा, हरविंदर कोहली, सोनाली मित्रा, यादराम जोया, अजीत चैहान, जितेंद्र चैहान, यशवीर राघव, किसान नेता राव मान सिंह, ऊषा प्रियदर्शी, श्रीचंद गुप्ता, सुरेंद्र गहलोत, दिनेश राघव, वीरेंद्र यादव, सर्वप्रिय त्यागी, प्रियवर्त कटारिया, परमिंदर कटारिया, मंगतराम बागड़ी, डा. धर्मेद्र यादव, पार्षद सीमा पाहूजा, कुलदीप यादव, ब्रहम यादव, राकेश यादव, रविंद्र यादव, दलीप साहनी, पूनम भटनागर एवं शिवानी सोलापुरी सहित काफी संख्या में भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ ही विभिन्न क्षेत्र के लोग शामिल रहे। Post navigation सीएम खट्टर पहुंचे विज का हाल जानने को न खेत न खलिहान-बन गए किसान, न कोई खेती का ज्ञान पर कहलाए किसान