भिवानी/मुकेश वत्स  

कृषि कानूनों के विरोध में टिकरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को लगातार हर तबके का समर्थन मिल रहा है। जहां कोई धरना स्थल पर जाकर किसानों को समर्थन दे रहा है तो कोई ठंड में धरने पर बैठे किसानों को गर्म वस्त्र वितरित कर रहा है। इसी तरह जिला के गांव मिताथल के ग्रामीण भी अन्नदाता के समर्थन में लगातार खाद्य सामग्री धरना स्थल तक पहुंचा रहे हैं।

इसी के तहत मिताथल के ग्रामीणों ने शनिवार को टिकरी बॉर्डर के लिए एक हजार लीटर दूध, एक हजार लीटर लस्सी, चार क्विंटल चीनी सहित अन्य खाद्य सामग्री का वाहन रवाना किया। इस मौके पर संदीप सिवाच ने कहा कि  जब तक अन्नदाता का आंदोलन जारी रहेगा, तब तक मिताथल के ग्रामीण राहत सामग्री पहुंचाते रहेंगे। साथ ही उन्होंने अन्य लोगों से भी आंदोलनकारी किसानों की मदद करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून पूंजीपतियों के दबाव में किसानों पर जबरदस्ती थौंपे जा रहे हैं। सरकार कानून मेें प्रावधान करें कि कोई भी एजेंसी या व्यक्ति एमएसपी से कम दामों में किसानों से उपज खरीद करता है तो उसे कानूनी सजा दी जाए। अगर भाव में कोई उतार-चढ़ाव हो तो उसकी भरपाई केन्द्र या राज्य सरकार करे। उन्होंने कहा कि किसानों को संविधान ने अपनी आवाज उठाने व आंदोलन चलाने का हक दिया है।

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