-जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह ने फायर आफिसर की रिपोर्ट दबाई, सरकारी स्कूल के हेडमास्टर ने फर्जी एनओसी को किया था सर्टिफाइड  -जिला शिक्षा अधिकारी, सरकारी स्कूल के हेडमास्टर सहित सोसायटी के डायेक्टर व निजी स्कूल प्राचार्य सहित पांच पर धोखाधड़ी का केस दर्ज -स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह की शिकायत पर हुई कार्रवाई

भिवानी, 18 दिसंबर। गांव आसलवास मरहेटा स्थित एक निजी स्कूल ने फर्जी एनओसी के सहारे नौंवी से 12वीं कक्षा तक की मान्यता मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह श्योराण, सरकारी स्कूल के हेडमास्टर श्रीराम शर्मा सहित निजी स्कूल सोसायटी के डायरेक्टर व स्कूल प्राचार्य सहित पांच के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। जुईकलां पुलिस थाना ने स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए केस दर्ज किया है। दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने फर्जी एनओसी मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर हाई कोर्ट ने 28 दिन के अंदर शिकायत पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसके बाद जुईकलां पुलिस थाना के एसएचओ सुनील कुमार ने प्रारंभिक जांच पड़ताल के बाद इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह श्योराण, सरकारी स्कूल का हेडमास्टर श्रीराम शर्मा, स्कूल निदेशक गजानंद, स्कूल संचालक संदीप, स्कूल प्राचार्य दीक्षा शर्मा के खिलाफ सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने और धोखाधड़ी से फर्जी एनओसी के सहारे नौंवी से बारहवीं कक्षा तक मान्यता लेने पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। 

जिला शिक्षा अधिकारी को दी पूरे मामले की जानकारी, फिर भी मिलीभगत कर जांच रिपोर्ट को ही दबायास्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि शिक्षा विभाग से गांव आसलवास मरहेटा स्थित इंटेली प्रभुराम सीनियर सेकेंडरी स्कूल के संबंध में मान्यता संबंधी दस्तावेजों की आरटीआई मांगी थी। जिसके जवाब के बाद फायर विभाग से एनओसी के संबंध में जानकारी मांगी गई। फायर विभाग ने एनओसी जारी होने से ही साफ इंकार कर दिया और इस प्रकरण की जिला दमकल अधिकारी ने अपने स्तर पर जांच की और फिर जांच रिपोर्ट अधिकारिक रूप से जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी और संबंधित निजी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी, क्योंकि निजी स्कूल पर कार्रवाई में डीईओ ही सक्षम अधिकारी है। दमकल अधिकारी ने दो बार रिपोर्ट डीईटो को भेजी, लेकिन डीईओ अजीत सिंह श्योराण ने दोनों बार निजी स्कूल से मिलीभगत कर इन्हें अपने कार्यालय में ही दबा लिया और कोई कार्रवाई तक नहीं की। जबकि सरकारी स्कल के हेडमास्टर श्रीराम शर्मा ने फर्जी एनओसी के दस्तावेजों को ही सर्टिफाइड किया था। 

डीईओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए एसीएस को भेजी जाएगी शिकायत

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि निजी स्कूल से मिलीभगत से सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर भ्रष्टाचार करने वाले जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह श्योराण के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी शिकायत भेजी जाएगी और उनके निलंबन कर इस मामले में विभागीय उच्च स्तरीय जांच की भी मांग उठाई जाएगी। इसी के साथ निजी स्कूल के खिलाफ भी फर्जी एनओसी के जरिए हासिल की मान्यता को भी रदद कराया जाएगा। 

ये था पूरा मामला

भिवानी जिले के गांव आसलवास मरहेटा स्थित वत्स इंटली प्रभुराम सीनियर सेकेंडरी स्कूल द्वारा 02 सितंबर 2014 में दमकल विभाग से एनओसी ली थी। इसके बाद निजी स्कूल से शिक्षा निदेशालय ने नई फायर एनओसी मांगी थी। निजी स्कूल प्रबंधन समिति सदस्यों ने पुरानी एनओसी के साथ छेड़छाड़ करते हुए 02 सितंबर 2018 की फर्जी एनओसी तैयार कर ली और इसी फर्जी एनओसी के जरिए कक्षा नौंवी से बाहरवीं तक की स्थायी मान्यता भी हासिल कर ली थी। इसी फर्जी एनओसी की जांच पड़ताल जिला दमकल अधिकारी कार्यालय द्वारा भी की ई। जिसकी जांच रिपोर्ट 23 जुलाई 2020 को की गई। इस जांच रिपोर्ट में जिला दमकल अधिकारी ने भी एनओसी को फर्जी बताया और इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को जो सक्षम अधिकारी हैं उसे कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। मगर इस पर भी जिला शिक्षा अधिकारी ने कोई कदम नहीं उठाया था। 

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