फरीदाबाद के बादशाह खान सरकारी अस्पताल का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेई अस्पताल करने की कठोर आलोचना 17 दिसंबर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार द्वारा फरीदाबाद के बादशाह खान सरकारी अस्पताल का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेई अस्पताल करने की कठोर आलोचना करते हुए इसे भाजपा-संघ की जहरीली राजनीति का एक और उदाहरण बताया1 विद्रोही ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का सम्मान करते हैं और विपक्ष के नेता व प्रधानमंत्री के रूप में देश को दिए गए उनके योगदान की सराहना करते हैं1 यदि हरियाणा सरकार को वाजपेई जी के नाम पर किसी संस्थान का नाम करना था तो सरकार किसी ऐसे अन्य संस्थान के साथ उनका नाम जोड़ सकते थे जो किसी अन्य के नाम नहीं था या कोई नया संस्थान सरकार उनके नाम पर बना सकती थी1 विद्रोही ने कहा प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, गांधीवादी, सीमांत गांधी के नाम से प्रसिद्ध खान अब्दुल गफ्फार खान के नाम से 1951 में बने फरीदाबाद के बादशाह खान सरकारी अस्पताल का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेई के नाम से करना भारतीय आजादी आंदोलन के महान स्वतंत्रता सेनानियों का ही अपमान नहीं अपितु बाजपेई जी का नाम इस विवाद में जोड़कर संघी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री का नाम भी व्यर्थ में विवादों में घसीटे रही है1 खान अब्दुल गफ्फार खान न केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे अपितु भारत की गंगा-जमुनी तहजीब व गांधीवाद के प्रतीक हैं1 ऐसे महान नेता के नाम से बने अस्पताल का नाम बदलना घोर अनुचित व औछी राजनीति है1 विद्रोही ने मांग की हरियाणा सरकार अपनी क्षुद्र राजनीति को त्यागकर भूल सुधार करें और फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल का नाम यथावत रूप से बादशाह खान के नाम पर बनाए रखें1 Post navigation मुख्यमंत्री खट्टर शिक्षा व स्वास्थ्य को सुनियोजित ढंग से महंगा कर रहे : विद्रोही लोकतंत्र की नयी मंडी पश्चिमी बंगाल