तीन साल की पंचायत कार्रवाई रजिस्टर में ग्राम सचिवों ने हस्ताक्षर नही.
कार्यवाही पुस्तिका में प्रस्तावों पर फर्जी हस्ताक्षर से कोरम पूरा दिखाया.
सरपंच और ग्राम सचिवो पर फर्जी हस्ताक्षर मामले में गाज पड़नी तय

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
 गांव ख्वासपुर के सरपंच द्वारा महेश पंच के फर्जी हस्ताक्षर करके सदन की कार्रवाई पूरी करने के मामले में सरपंच व तीन ग्राम सचिवो के खिलाफ खंड विकास एंव पंचायत अधिकारी ने जिला उपायुक्त व थाना फर्रूखनगर को एफआईआर दर्ज करने व सस्पेंड करने के लिए पत्र लिख दिया है ।

कानून के जानकारों की माने तो सरपंच और ग्राम सचिवो पर फर्जी हस्ताक्षर मामले में गाज पड़नी लगभग तय है । हैरत की बात तो यह है कि करीब तीन साल की पंचायत कार्रवाई रजिस्टर में लाखों के विकास कार्य पंचायत द्वारा पास कराये गए । लेकिन कार्यवाही पुस्तिका में ग्राम सचिवों ने हस्ताक्षर तक नही किये और सरपंच ने पंच महेश यादव के फर्जी हस्ताक्षर करवा दिए । सरकारी व गैर सरकारी लैब द्वारा फर्जी साईन की पुष्टी भी कर दी है  । जिसके चलते बीडीपीओ ने आगामी कार्रवाई व एफआईआर दर्ज कराने के लिए पत्र लिख दिया है ।

ख्वासपुर के पंच महेश यादव ने बताया कि एक तरफ तो हरियाणा सरकार ने पढ़ी लिखी पंचायत बनाने का कानून बना दिया और उपर से पढ़े लिखे पंचों को पंचायत कार्रवाई में ना बुला कर पंच के फर्जी हस्ताक्षर करके कार्रवाई पूरी कर दी जाती है । गांव ख्वासपुर के सरपंच प्रहलाद यादव ने  उनके फर्जी हस्ताक्षर करके  गोलमाल को दबाने के लिए अधिकारियों से मिली भगत करके बैक डेट में प्रस्ताव पास करने में भी गुरेज नहीं किया । सरपंच द्वारा एक नहीं बल्कि कार्यवाही पुस्तिका में 20 प्रस्तावों  फर्जी हस्ताक्षर करके अपना कोरम पूरा दिखा कर प्रस्तावों की खानापूर्ति की गई है।  फर्जी हस्ताक्षरों का खुलासा लगाई गई आरटीआई के जवाब में सरपंच द्वारा कराये गए दस्तावेजों से हुआ है। सरपंच के खिलाफ फर्जी साइन करने खिलाफ उन्होने  खंड विकास एंव पंचायत अधिकारी फर्रुखनगर, एसडीएम पटौदी, डीडीपीओ गुरुग्राम, एडीसी गुरुग्राम, जिला उपायुक्त को सबूत सहित लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की थी।   लेकिन कोई संज्ञान नही होने के बाद उन्होने  सभी हस्ताक्षरों की प्राईवेट नमुना हस्ताक्षर विशेषज्ञ द्वारा जांच कराई थी । लेकिन फिर भी अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नही की और भौंडसी सरकारी लैब में हस्ताक्षर नमुना जांच में भी आधा दर्जन हस्ताक्षर फर्जी पाये गए है ।

तब जाकर उनकी शिकायत पर कार्रवाई अमल में लाई गई है । पंच महेश यादव ने बताया कि गांव के सरपंच प्रहलाद यादव द्वारा दिनांक 29 मई 2016 से 27 जून 2018 तक पंचायत की कार्यवाही पुस्तिका में उसके 20 हस्ताक्षर फर्जी करके अपना कोरम पूरा करने का कार्य किया था प्  जो नियमों के खिलाफ है। इतना ही नहीं सरपंच द्वारा कई प्रस्ताव भी पिछली तिथियों में पंचों के हस्ताक्षर करवा कर पास दिखा रखे है। इससे प्रतीत होता है कि सरपंच द्वारा गांव में कराए गए विकास कार्यों में कितनी पारदर्शिता है। महेश यादव ने बताया कि फर्जी हस्ताक्षरों की जानकारी उसके पिता राव रामनिवास पहलवान द्वारा लगाई गई आरटीआई के जवाब में  सरपंच प्रहलाद व खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी द्वारा 26 मई 2020 में दिए गए दस्तावेजों से जानकारी मिली। जब उन्होंने सरपंच के खिलाफ स्थानीय अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की तो उन्होंने की नमुना हस्ताक्षर विशेषज्ञ से सभी हस्ताक्षरों की जांच कराने के लिए कहा। उन्होंने विभाग द्वारा दिए गए 97 पृष्टों पर किए गए हस्ताक्षरों की जांच कराई गई तो उनमें से 20 पृष्टों पर उसके हस्ताक्षर फर्जी दर्शाय गए है। उन्होने कहा कि सच्चाई और अच्छाई लम्बे समय तक दबा कर नही रखी जा सकती है

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